मल-मूत्र में सने कपड़े, बुजुर्ग कमरों में बंद, हाथ बंधे...नोएडा के वृद्धाश्रम का ऐसा हाल, रेड टीम भी सन्न रह गई

राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने ओल्ड एज होम का हाल बयां करते हुए कहा कि वहां पर पुरुषों के पास कपड़े तक नहीं थे. जिन महिलाओं को रेस्क्यू किया गया, उनमें कई के शरीर पर भी आधे-अधूरे कपड़े थे. इन सभी को अब सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है.

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नोएडा के वृद्धाश्रम में छापेमारी कर बुजुर्गों को किया रेस्क्यू.
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  • नोएडा के सेक्टर-55 में ओल्ड एज होम की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई.
  • 39 बुजुर्गों को दयनीय हालत में रेस्क्यू कर सरकारी आश्रम में शिफ्ट किया गया.
  • ओल्ड एज होम में बुजुर्गों को तहखाने जैसे कमरों में बंद रखा गया था.
  • महिला आयोग और पुलिस ने ढाई लाख रुपए डोनेशन वाली इस जगह पर छापेमारी की.
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नोएडा:

नोएडा के सेक्टर-55 ओल्डऐज होम का ऐसा हाल , जिसे देखकर किसी की भी रूह कांप जाए. एक तो पहले ही बुजुर्गों को बच्चे यहां छोड़कर चले गए. अपनों से बिछड़ने का गम पहले ही इनके लिए कम नहीं था कि यहां पर इनको यातनाएं दी जा रही हैं. इनकी जिंदगी किसी नर्क से कम नहीं. भला हो उस शख्स का जिसने इनकी दयनीय हालत की वीडियो लखनऊ में सरकारी विभाग तक पहुंचा दी, जिसके बाद राज्य महिला आयोग, नोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग, जिला प्रोबेशन कल्याण विभाग ने संयुक्त रूप से इस ओल्ड एज होम पर गुरुवार को छापेमारी (Noida Old Age Home Raid) कर दी. अंदर का हाल देख ये लोग भी हैरान रह गए. यहां से दयनीय हालत में 39 बुजुर्गो का रेस्क्यू किया गया, जिनको सरकारी ओल्ड ऐज होम में शिफ्ट कराया जा रहा है.

बुजुर्गों को तहखाने जैसे कमरों में बांध कर रखा गया

पूरा मामला नोएडा के 55 स्थित आनंद निकेतन वृद्ध आश्रम का है. यहां राज्य महिला आयोग, पुलिस और समाचार कल्याण विभाग ने संयुक्त रूप से रेड मारी थी.राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि जिस समय रेड की गई एक बुजुर्ग महिला को बांध के रखा गया था. पुरुषों को तहखाने जैसे कमरो में बंद किया गया था. देख के ऐसा लग रहा था जैसे इनका जीवन किसी नर्क से भी बुरा था.

ताले खुलवाकर बुजुर्गों का रेस्क्यू

उन्होंने बताया कि इसी ओल्ड एज होम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक बुजुर्ग महिला के हाथ बांधकर उनको कमरे में रखा गया था. ये वीडियो समाज कल्याण विभाग लखनऊ के पास पहुंचा. वीडियो के आधार पर ही छापेमारी के निर्देश मिले. गोपनीय तरीके से टीम को एकट्ठा किया गया और रेड कंडक्ट की गई. उन्होंने बताया कि जिस समय रेड कंडक्ट की गई बुजुर्ग महिला और पुरुष कमरों में बंद थे. वहां जाकर तालों को खुलवाया गया. उस महिला का रेस्क्यू किया गया जिसके हाथ बंधे थे. उसके हाथ खोले गए.

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बुजुर्गों के तन पर कपड़े तक नहीं थे

 मीनाक्षी भराला ने ओल्ड एज होम का हाल बयां करते हुए कहा कि वहां पर पुरुषों के पास कपड़े तक नहीं थे. जिन महिलाओं को रेस्क्यू किया गया है, उनमें कई के शरीर पर भी आधे अधूरे कपड़े थे. इन सभी को अब सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है.  इनको दो से तीन दिनों में सरकारी ओल्ड ऐज होम में शिफ्ट कर दिया जाएगा.

बुजुर्गों की देखभाल के लिए स्टाफ तक नहीं

नोएडा के ओल्ड एज होम का हाल इतना बुरा था कि यहां पर बुजुर्गों की देखभाल के लिए कोई भी स्टॉफ नहीं रखा गया था. वह खुद ही अपना हर दिन का काम कर रहे थे. कई बुजुर्गों के कपड़े मल-मूत्र से सने मिले. यहां एक महिला मिली, जो खुद को नर्स बता रही थी. सख्ती से पूछताछ में पता चला कि वह सिर्फ 12वीं तक पढ़ी-लिखी है. 

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रईस परिवारों के लोग मां-बाप को छोड़ गए

जानकारी के अनुसार आनंद निकेतन वृद्धा आश्रम में बुजुर्गों को रखने के लिए प्रति व्यक्ति से 2.5 लाख रुपए डोनेशन लिया जाता है. इसके अलावा खाने,पीने और रहने के लिए छह हजार रुपए प्रतिमाह लिया जाता है. जब इनके परिजनों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सब ठीक है. ओल्ड एज होम में रह रहे कई बुजुर्ग ऐसे हैं, जो नोएडा के रईस परिवारों से आते हैं.

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