राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 11 अगस्त की रात को दो युवकों द्वारा सड़क पर पीछा करके एक मूक-बधिर महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की घटना का स्वतः संज्ञान लिया है. एनएचआरसी ने इस गंभीर मामले पर चिंता जताते हुए उत्तर प्रदेश के डीजीपी और बलरामपुर के जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
बीते सोमवार को बलरामपुर जिले में देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के बहादुरपुर पुलिस चौकी से कुछ ही दूरी पर एक 22 वर्षीय दिव्यांग युवती के साथ दुष्कर्म की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी. चूंकि युवती बोल नहीं सकती, वह मदद के लिए शोर नहीं मचा सकी और आरोपी वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए थे. इस अपराध में शामिल दोनों अपराधियों को यूपी पुलिस ने 24 घंटे के अंदर एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने 14 सेकंड के CCTV वीडियो की मदद से आरोपियों की पहचान की.
एनएचआरसी ने इस मामले को लेकर गुरुवार को आधिकारिक बयान जारी कर कहा, 'राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि 11 अगस्त, 2025 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले में एक मूक-बधिर महिला का दो लोगों ने सड़क पर पीछा करके सामूहिक बलात्कार किया. बताया जा रहा है कि यह घटना उस समय हुई, जब पीड़िता अपने मामा से मिलकर वापस आ रही थी.
आयोग ने पाया है कि यदि समाचार रिपोर्ट सत्य है, तो यह पीड़िता के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है. इसलिए, आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.' रिपोर्ट में जांच की स्थिति और पीड़ित को दिए गए मुआवजे का विवरण भी शामिल होने की उम्मीद है.