लखनऊ में पुलिस पर भीड़ ने थाने के बाहर ही हमला कर दिया जिसमें एक दरोगा, महिला सिपाही समेत कुल 7 से 8 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. सफाईकर्मी की मौत के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए आरोपी को पूछताछ के बाद छोड़ने पर भीड़ भड़क गई और महिलाओं को आगे करके थाने के बाहर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
पुलिस पर हमले को लेकर 8 लोग हिरासत में
लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में शनिवार दोपहर हुए इस विवाद को बढ़ता देख पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा. पुलिस ने मौके से 9 लोगों को हिरासत में भी लिया है. डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल के अनुसार थाना दिवस होने के कारण कई अफसर थाने पर मौजूद थे. हिरासत में लिए गए लोग पुलिस पर हमले में शामिल थे. इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. वहीं एसएचओ सुशांत गोल्फ सिटी ने बताया कि सभी आरोपियों पर मुकदमा लिखा जा रहा है.
पार्टी करने निकला था अरुण, अगले दिन मिली लाश
दीवाली की रात को अरुण कुमार अपने घर वालों को यह बात कर निकलते हैं कि आज ऑफिस के लोगों ने पार्टी रखी है, वहीं जाऊंगा. देर रात तक वापस लौट आऊंगा लेकिन रात भर अरुण जब घर नहीं पहुंचा तो घर वालों ने उन्हें ढूंढना शुरू किया. अरुण के दोनों बेटों ने अरुण की गाड़ी को एक गेस्ट हाउस के बाहर पार्क देखा. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई और पुलिस ने मुक़दमा लिखकर जांच शुरू की.
कमरे में बेसुध मिला सफाईकर्मी
लखनऊ पुलिस ने सूचना पाकर मौके पर जाकर देखा तो कमरे में अरुण बेड पर बेसुध पड़े हुए मिले. उनके बगल में उनका एक पड़ोसी और दोस्त विकास भी था. बाद में अरुण की मौत की पुष्टि हुई. पोस्टमार्टम में अरुण की मौत पर कुछ खास निकल कर नहीं आ सका, जिसके बाद विसरा प्रिजर्व कर दी गई. सफाईकर्मी अरुण की मौत के मामले में उसके साथी विकास को पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने बुलाया था.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ खास ना निकलने और विकास रावत से पूछताछ के बाद सुशांत गोल सिटी थाने ने विकास को छोड़ दिया, जिसके बाद अरुण के घर वालों ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया कि हत्या के आरोपी को पुलिस छोड़ दे रही है. इस आरोप के साथ करीब 40 लोग थाने पर धरना देने पहुंच गए. लोगों ने पहले विरोध दर्ज कराया और बाद में पुलिस पर ही हमला बोल दिया.














