डिंपल यादव (Dimple Yadav), मिल्कीपुर विधानसभा (Milkipur Seat) में समाजवादी उम्मीदवार अजीत प्रसाद के समर्थन में रोड शो करने उतरी थीं. लोगों की भारी भीड़ थी, इस दौरान डिंपल यादव के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट किये जा रहे हैं. इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव 5 फरवरी को होने हैं, जिसे लेकर प्रदेश में सरगर्मी बढ़ी हुई हैं. बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया है. वहीं, समाजवादी पार्टी अपनी इस सीट को बचाने की कोशिश में जुटी है.
'डिंपल भाभी जिंदाबाद' के नारों के बीच...
समाजवादी पार्टी का पूरा कुनबा इस समय मिल्कीपुर में चुनाव प्रचार के लिए उतरा हुआ है. पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सांसद पत्नी डिंपल यादव को भी प्रचार के लिए मिल्कीपुर में उतार दिया है. बीते दिनों डिंपल यादव मिल्कीपुर में एक रोड शो कर रही थीं. इस दौरान उनके साथ कई महिला समाजवादी कार्यकर्ता भी मौजूद थीं. रोड शो के दौरार सैकड़ों लोगों की भीड़ नजर आ रही थी. 'समाजवादी पार्टी जिंदाबाद', 'डिंपल भाभी जिंदाबाद' और 'अखिलेश भइया जिंदाबाद' के नारे लग रहे थे. पार्टी कार्यकर्ताओं और मिल्कीपुर की जनता का ये जोश देश डिंपल यादव काफी खुश नजर आ रही थीं, लेकिन इसी बीच भीड़ में से किसी ने एक फूलों की माला डिंपल यादव की ओर फेंकी.
सीधा गले में गिरी फूलों की माला
रोड शो के दौरान नेताओं पर फूल बरसाते हुए कई बार देखा गया है. लेकिन रोड शो के दौरान डिंपल यादव की ओर किसी ने फूलों की माला फेंकी, तो वह कुछ हैरान हो गईं. हालांकि, इसके बाद हुए इत्तेफाक ने डिंपल यादव को ऐसी स्थिति में ला दिया, जहां वह बेहद नर्वस मूड में नजर आईं. दरअसल, भीड़ में से फेंकी गई फूलों की माला सीधे डिंपल यादव के गले में चली गई. डिंपल यादव ने तुरंत गले से माला निकाली और उसे साइड रखा. इसके बाद इशारे से लोगों को ऐसा न करने की हिदायत दी. उनके साथ में खड़ी महिला कार्यकर्ता ने भी लोगों को हाथ से इशारा किया कि कोई ऐसी हरकत न करे.
सोशल मीडिया पर ये बातें कर रहे लोग
सोशल मीडिया पर डिंपल यादव के साथ हुई इस घटना को लेकर लोग अलग-अलग कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने इस घटना पर कमेंट किया- 'मिल्कीपुर की जनता ने आशीर्वाद दे दिया है समाजवादी पार्टी को बस 8 तारीख़ का इंतज़ार है.' अन्य यूजर ने लिखा, 'माला फेंकने वाले को देश की क्रिकेट टीम में जगह मिलने चाहिये.' मामले को गंभीर बताते हुए एक अन्य यूजर ने लिखा, 'अगर ये माला नहीं होता तब?? ध्यान रखना होगा. ऐसा नहीं होना चाहिए.'
नाक का सवाल बना मिल्कीपुर उपचुनाव
सपा और बीजेपी के लिए मिल्कीपुर उपचुनाव नाक का सवाल बन गया है. बीजेपी इस चुनाव को जीतकर अयोध्या में लोकसभा चुनाव की हार का बदला लेने की कोशिश करना चाह रही है. वहीं, सपा इस सीट पर अपना दबदबा कायम रखने की कोशिश में जुटी हुई है. मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा और मतों की गिनती आठ फरवरी को होगी.
मिल्कीपुर के चुनावी दंगल में 10 उम्मीदवार
अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पांच फरवरी को होने वाले उपचुनाव के लिए 10 उम्मीदवार मैदान में हैं. हालांकि, मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद और भारतीय जनता पार्टी के चंद्रभानु पासवान के बीच दिखाई दे रहा है. इन दो मुख्य राजनीतिक दलों के अलावा, आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम), मौलिक अधिकार पार्टी और राष्ट्रीय जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं. पांच निर्दलीय उम्मीदवार भी उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
मिल्कीपुर में EC की कैसी तैयारी?
जिला निर्वाचन अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने कहा कि उम्मीदवार तीन फरवरी को शाम छह बजे तक प्रचार कर सकते हैं. मतदान पांच फरवरी को होगा और मतगणना आठ फरवरी को होगी. सिंह ने बताया कि इस उपचुनाव में 1.92 लाख से अधिक पुरुष और 1.77 लाख से अधिक महिलाओं समेत 3.70 लाख से अधिक मतदाता हैं जो ईवीएम के जरिए इन 10 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. उन्होंने बताया कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष उपचुनाव सुनिश्चित करने के लिए 255 मतदान केंद्र और 414 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. उनका कहना है कि इन स्थानों पर किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए चार ‘जोनल' और 41 ‘सेक्टर' मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे.
बता दें कि 2022 में पिछले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुने गए अवधेश प्रसाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद से सांसद निर्वाचित होने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते मिल्कीपुर सीट खाली हुई है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार गोरखनाथ को मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद से पराजय का सामना करना पड़ा था. बाद में गोरखनाथ ने प्रसाद के निर्वाचन को चुनौती दी और विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के दौरान सपा नेता द्वारा दायर किये गये हलफनामे में विसंगतियों का आरोप लगाया. हालांकि, प्रसाद के फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद इस साल की शुरुआत में याचिकाएं वापस ले ली गईं, जिससे मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया.
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