मीट की दुकानें भी खुलें... कांवड यात्रा रूट पर शराब की दुकानें ढंकने पर SP नेता

हरिद्वार में भी कांवड़ रूट पर पड़ने वाली शराब की सभी दुकानों को परदे से ढंका गया है. कांवड़ मेले की शुरुआत से पहले डीएम ने आबकारी विभाग को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए थे. इसके बाद विभाग शराब के ठेकों और उनके आसपास लगे साइन बोर्ड को ढकने की तैयारी में लग गया था. हरिद्वार जिले में दर्जनों ऐसी दुकाने जो कांवड़ रूट पर पड़ती है. 

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कांवड़ यात्रा शुक्रवार को हिंदू माह श्रावण से शुरू हो गई है.
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  • UP में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए शराब की दुकानों को पर्दों से ढंकने का काम मुरादाबाद से शुरू किया गया है
  • समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एस टी हसन ने कांवड़ मार्ग पर शराब की बिक्री बंद करने की मांग की है.
  • हरिद्वार में कांवड़ रूट पर आनेवाली शराब की दुकानों को भी पर्दों से ढकने का आदेश दिया गया था.
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मुरादाबाद:

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्गों पर शराब की दुकानें ढंकने का काम शुरू हो गया है और इसकी शुरुआत मुरादाबाद से की गई है. दरअसल कई हिंदू संगठनों ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस बात की मांग की थी. कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत ना हो और किसी तरह के टकराव की स्थिति ना बने इसलिए एहतियातन कांवड़ यात्रा अवधि में शराब की दुकानों को पर्दों से छुपा कर चलाएगा. वहीं इस मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सासंद एस टी हसन का बयान आया है. पूर्व सासंद एस टी हसन ने कहा कांवड़ मार्ग पर शराब की बिक्री भी बंद हो, नहीं तो मांस की दुकानें भी खुलें. जितना मांस अपराधी, उतनी ही शराब अपराधी है. दरअसल कांवड़ यात्रा मार्ग पर बनीं मीट की दुकानों को बंद किया गया है.

‘‘आतंकवाद के बराबर'' कृत्य

बता दें इससे पहले एस टी हसन ने कांवड़ यात्रा मार्ग के ढाबा मालिकों की धार्मिक पहचान उजागर करने के लिए कुछ हिंदू संगठनों द्वारा सत्यापन किए जाने की कड़ी निंदा की थी और इसे ‘‘आतंकवाद के बराबर'' कृत्य बताया था. दरअसल उत्तराखंड के कई शहरों में कुछ हिंदू संगठनों के सदस्य रेस्तरां मालिकों और कर्मचारियों की पहचान की कथित तौर पर अवैध तरीके से सत्यापन कर रहे हैं तथा मुस्लिम होने के संदेह में व्यक्तियों को निशाना बना रहे हैं. सोशल मीडिया पर सामने आये कथित वीडियो में कुछ लोग ढाबों के कर्मचारियों से उनके नाम पूछते और धार्मिक पहचान साबित करने के लिए मजबूर करते दिखे थे.

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले हसन ने इस मामले पर कहा था ‘‘होटल कर्मचारियों और स्थानीय विक्रेताओं से उनके नाम बताने के लिए कहना और अपने धर्म की पहचान के लिए उन्हें कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना, पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से कम नहीं है। यह भी आतंकवाद का ही एक रूप है.'' उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी घटनाएं खुलेआम हो रही हैं और उत्तराखंड सरकार आंख मूंदे बैठी है.

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हरिद्वार में भी शराब की दुकानों पर परदे

इस तरह से हरिद्वार में कांवड़ रूट पर पड़ने वाली शराब की भी सभी दुकानों को परदे से ढंकने का हाल ही में आदेश दिया गया था. कांवड़ मेले की शुरुआत से पहले डीएम ने आबकारी विभाग को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके बाद विभाग शराब के ठेकों और उनके आसपास लगे साइन बोर्ड को ढकने की तैयारी में लग गया है. हरिद्वार जिले में दर्जनों ऐसी दुकाने जो कांवड़ रूट पर पड़ती है. 

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