योगी सरकार द्वारा आयोजित भव्य और दिव्य महाकुंभ अब पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है. मकर संक्रांति के दिन 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस बीच, गोरखपुर से लौटते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर एक बड़ी बैठक की. मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है और इस दिन महाकुंभ में सबसे अधिक भीड़ जुटने की उम्मीद है. अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर करीब 8 से 10 करोड़ लोग संगम पर जुट सकते हैं.
गोरखपुर में तीन दिन बिताने के बाद मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में अब तक हुए स्नान पर्वों की समीक्षा की. पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के दिन 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी स्नान किया. मुख्यमंत्री ने 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं.
अधिकारियों को CM योगी ने दिए ये निर्देश
योगी ने अधिकारियों से कहा कि रेलवे के साथ मिलकर महाकुंभ के लिए विशेष ट्रेनों का समयबद्ध संचालन सुनिश्चित किया जाए. साथ ही नियमित और स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए. उन्होंने मेला क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क सुधारने, बसों, शटल बसों और इलेक्ट्रिक बसों का सुचारू संचालन करने और शौचालयों की नियमित सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता जताई. सीएम योगी ने सभी सेक्टरों में 24×7 बिजली और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
प्रयागराज में होगी योगी कैबिनेट की बैठक
इस महीने प्रयागराज में महाकुंभ पर एक कैबिनेट बैठक भी आयोजित की जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सभी सहयोगी मंत्रियों और विधायकों के साथ संगम में डुबकी लगा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, विधान मंडल और विधान परिषद की अस्थाई बैठक भी आयोजित हो सकती है, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीएसपी के विधायकों को निमंत्रण देने की योजना है. अब सवाल यह है कि क्या समाजवादी पार्टी के नेता इस निमंत्रण को स्वीकार करेंगे, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव महाकुंभ के इंतजामों पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं. मकर संक्रांति के दिन उन्होंने प्रयागराज के बजाय हरिद्वार में गंगा में स्नान किया था, हालांकि वे पहले महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं.
CM योगी का गोरखपुर दौरा
बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के मौके पर खिचड़ी भोज आयोजित करने की परंपरा रही है. योगी आदित्यनाथ सीएम होने के साथ साथ गोरखनाथ नंदिर के महंत भी हैं. इस नाते उन्हें मंदिर में विशेष पूजा पाठ करना होता है. वे नाथ संप्रदाय का नेतृत्व भी करते हैं. उनके गोरखपुर में रहते हुए ही महाकुंभ में पहले पौष पूर्णिमा का स्नान हुआ. फिर मकर संक्रांति पर अमृत स्नान हुआ. पिछले तीन दिनों में अब तक करीब छह करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं.