Mahakumbh Accident: प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार की भोर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए उमड़ी भीड़ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई. 60 लोग घायल हो गए और कई अब भी लापता हैं. महाकुंभ में भगदड़ के बाद राजनीतिक दलों से लेकर समाज का एक वर्ग लगातार राजनीति करने लगा. मगर आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आलोचना की बजाए योगी सरकार (Yogi Adityanath Government ) को एक अच्छी सलाह दी है. ये एक अच्छी शुरूआत है. दरअसल, विपक्ष का काम सिर्फ आलोचना करना होता भी नहीं है, बल्कि संकट के समय सरकार के साथ मिलकर समाज की सेवा करना होता है.
जानिए अखिलेश यादव ने क्या कहा
अखिलेश यादव ने आज एक्स पर ट्वीट किया, "महाकुंभ में जिन लोगों के अपने बिछड़ गये हैं, सूचना के अभाव में उनके अंदर ये आशंका जन्म ले रही है कि कहीं उन्होंने अपने परिवार, परिजनों को हमेशा के लिए तो नहीं खो दिया है. इस आशंका को दूर करने के लिए एक सरल उपाय ये है कि सरकार महाकुंभ हादसे में जीवन गंवानेवालों की सूची जारी कर दे. यदि मृतक चिन्हित नहीं हैं तो उनके वस्त्र-चित्रादि माध्यम से पहचान करायी जाए. इस प्रयास से आशंकाओं का उन्मूलन होगा और तीर्थयात्रियों में इस आशा का संचार होगा कि उनके अपने खोए ज़रूर हैं, पर सद्प्रयासों आज नहीं तो कल मिल ही जाएंगे."
उधर, इस घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायिक जांच आयोग ने बृहस्पतिवार को अपना काम शुरू कर दिया. आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि महाकुंभ हादसे की जांच के लिए गठित तीन सदस्य न्यायिक आयोग ने अपने गठन की अगले ही दिन काम शुरू कर दिया है. आयोग के तीनों सदस्य आज लखनऊ के जनपथ स्थित अपने कार्यालय पहुंचे. आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हर्ष कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'क्योंकि जांच को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना है इसलिए हमने घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर कार्यभार संभाल लिया है. हमारे पास एक महीने का समय है, लेकिन फिर भी हम जांच को तेजी से पूरा करने की कोशिश करेंगे.' आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि वह जल्द ही प्रयागराज का दौरा करेंगे.
न्यायिक जांच आयोग में कौन-कौन
यह पूछे जाने पर कि क्या आयोग के सभी तीन सदस्य घटना के अलग-अलग पहलुओं की जांच करेंगे या उनका समन्वय होगा, न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, 'हम इन पर आपस में चर्चा करेंगे. अभी विस्तार से नहीं बता सकते.' सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार प्रयागराज पहुंच चुके हैं. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले इस आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस अफसर डी. के. सिंह और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी. के. गुप्ता भी शामिल हैं. आयोग को अपने गठन के एक महीने के अंदर मामले की जांच रिपोर्ट देनी होगी. इस सिलसिले में जारी अधिसूचना के मुताबिक आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगा. साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के सिलसिले में सुझाव भी देगा.