झांसी में बदला लेने के लिए गैंगरेप के आरोप में फंसाया, बुआ-भतीजी ने रची साजिश मगर सीसीटीवी से खुल गई पोल

झांसी जनपद में प्रेमनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक किशोरी ने आरोप लगाया था कि 20 अगस्त की सुबह ज़ब वह शौच के लिए गई थी तभी गांव के 3 युवक उसे कार में उठाकर ले गये और दो युवकों ने उससे रेप किया.

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झांसी:

उत्तर प्रदेश के झांसी में किशोरी को अगवा कर कार में गैंगरेप करने की घटना में अलग मोड़ आ गया है. पुलिस द्वारा की गई जांच और खंगाले गये सीसीटीवी फुटेज ने पूरी कहानी ही उलट दी है. एसएसपी ने बताया कि पूरी स्क्रिप्ट पुराने विवाद में शामिल शख्स को फंसाने और मोटी रकम वसूलने के लिए पीड़िता की बुआ द्वारा लिखी गई थी. पोल खुलने के बाद पुलिस ने पीड़िता, साजिश रचने वाली पीड़िता की बुआ और बुआ के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्जकर उन्हें हिरासत में ले लिया है. गैंगरेप की झूठी कहानी का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है.

लड़की ने लगाया था रेप का आरोप

झांसी जनपद में प्रेमनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक किशोरी ने आरोप लगाया था कि 20 अगस्त की सुबह ज़ब वह शौच के लिए गई थी तभी गांव के 3 युवक उसे कार में उठाकर ले गये और दो युवकों ने उससे रेप किया. पुलिस ने  मुकदमा दर्ज क़र दोनों युवकों को गिरफ्तार क़र लिया था. एसएसपी राजेश एस. ने खुलासा करते हुए बताया कि पीड़िता द्वारा बताए गये घटनाक्रम के आधार पर शहर में लगे सीसी टीवी कैमरे देखे गये तो उसमें गांव में कोई कार आती -जाती नहीं देखी गई और पीड़िता सुबह 7 बजे अकेले गांव के बाहर से ऑटो में बैठते कैमरे में कैद हुई. इसके बाद वह झांसी के जेल चौराहे पहुंची और पैदल किला पहुंची, जो रास्ते में लगे कैमरों में कैद किया गया.

रंजिश निकालने के लिए रची गई साजिश

इसके बाद वह किले पर अपने बॉयफ्रेंड का इंतजार करती रही, लेकिन उसके न आने पर किशोरी ऑटो से अपनी बुआ के घर सुबह लगभग 10.15 बजे पहुंची. वहीं किशोरी की बुआ व बुआ के लड़के ने अपनी पुरानी रंजिश निकालकर विरोधियो को फंसाने व उनसे मोटी रकम वसूलने का प्लान बनाया और गैंगरेप की झूठी कहानी गढ़ दी. लेकिन कैमरों ने पूरी पोल खोल दी. एसएसपी ने बताया कि पीड़ित किशोरी, उसकी बुआ व बुआ के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज क़र हिरासत में लिया गया है. झांसी एसएसपी राजेश एस ने खुलासा करते हुए बताया कि झांसी जनपद में प्रेमनगर क्षेत्रान्तर्गत पीड़िता का परिवार द्वारा एक सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमा दर्ज करने के बाद जो नामजद अभियुक्त है उन दोनों को पुलिस ने पकड़कर पूछतांछ की थी.

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पुलिस को कैसे पता चला मामले का सच

आज उस सामूहिक दुष्कर्म की विवेचना में पूरी कहानी पलट गई है. जिसमें पीड़िता द्वारा शुरुआत में बताया गया था कि घर से निकलते ही एक सफेद गाड़ी मे दो लोग इनको बैठा कर ले गए थे. इसकी पुष्टि करने के लिए आसपास के कैमरे को देखा गया था तो कहीं भी सफेद गाड़ी नहीं दिखाई दी और लड़की अकेले जाते हुए दिखाई दे रही थी. उसको ट्रेस करते हुए पूरा आज लगभग 50 से 60 कैमरा को खंगाला गया था. झांसी जनपद में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत पूरे शहर में नगर निगम द्वारा कैमरे लगाए गए थे. उन कैमरों में पीड़िता कैद हो गई थी. पीड़िता अकेले ऑटो से आते हुए दिखाई दी और शहर में घूमने के बाद किले में चली गई, जहां वह इंतजार करती रही. इन सीसीटीवी फुटेज को पीड़िता को दिखाने के बाद उसने स्वीकार कर लिया कि दो लोगों को जानबूझकर फसाने के लिए यह कहानी बनाई गई थी और यह कहानी बनाने में बुआ व बुआ बेटा शामिल थे.

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कहानी यह है कि जब पीड़िता एक लड़के से बातचीत करती है, उस लड़के के साथ शादी करने के लिए कहीं जान चाह रही थी. उसको लिए वह घर से निकली थी. घर से निकलने के पश्चात एक दुकान में जाकर पायल और बिछिया खरीदी थी. उसे खरीदने के बाद वह किले में जाकर उस लड़के के आने का इंतजार कर रही थी. जब वह लड़का नहीं आया तब यह अपने घर न जाकर अपनी बुआ के घर चली गई. बुआ के घर सुबह साढ़े दस बजे से 11 बजे के बीच पहुंच गई थी. घर पहुंचने के बाद बुआ और उसके बेटे ने इसका समझा बुझाकर 12 घंटे के बाद सामुहिक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एक मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें दो निर्दोष लोग अनावश्यक जेल से जाने से पुलिस विवेचना से बच गए. सेक्शन 22 के तहत जो फर्जी इस प्रकार सूचना देता है उसके खिलाफ एक्शन लिया जाता है, उसके तहत कार्रवाई की जायेगी.

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(एनडीटीवी के लिए विनोद कुमार गौतम की रिपोर्ट)

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