सायरन की आवाज सुनते ही बंकर में छिपकर बचाते जान, NDTV को घरवालों ने बताया इजरायल गए अपने बच्चों का हाल

इजराइल मे मौजूद शहाबुद्दीन ने एनडीटीवी को बताया, "अचानक से सायरन बज जाता है और मोबाइल फोन पर अलर्ट का मैसेज आ जाता है. जैसे ही उन्हें अलर्ट कर दिया जाता है और सायरन बजता है. वह अपने आसपास के बने बंकर में चले जाते हैं.

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नई दिल्ली:

ईरान ने हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए इजरायल पर करीब 180 मिसाइलें दागीं. इससे एक बार फिर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गए हैं. यहां रह रहे प्रवासी और स्थानीय लोगों के बीच खौफ का माहौल है. सायरन की आवाज सुनकर सभी लोग बंकर में जाकर छिप जाते हैं. इजरायल में रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों ने फोन पर वीडियो कॉल से NDTV से बात की है.

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद के सदर तहसील के रहने वाले शहाबुद्दीन अप्रैल माह में इजराइल गए थे. वहां पर शहाबुद्दीन इजरायल के यरुशलम में राजमिस्त्री का काम कर रहे हैं. इजराइल और ईरान के बीच टकराव अब तेज हो गया है. लगातार हो रहे हवाई हमलों के चलते कामगारों के परिजनों को चिंता सता रही है. शहाबुद्दीन के भाई रियाजुद्दीन ने बताया वहां इजरायल में शुरुआत में स्थिति ठीक रही. लेकिन हालत अब कुछ बदल गए हैं.

इजराइल मे मौजूद शहाबुद्दीन ने एनडीटीवी को बताया, "अचानक से सायरन बज जाता है और मोबाइल फोन पर अलर्ट का मैसेज आ जाता है. जैसे ही उन्हें अलर्ट कर दिया जाता है और सायरन बजता है. वह अपने आसपास के बने बंकर में चले जाते हैं. कुछ लोगों के मुताबिक बम गिरने की आवाज भी आती हैं. लेकिन आसमान में ही उनको डिफ्यूज कर दिया जाता है. हिंदुस्तान की गवर्नमेंट हमारी खैर खबर लेती है, जिन्होंने हमें इजराइल भेजा है. वह अधिकारी हमारे पास फोन करते रहते हैं.

शहाबुद्दीन का भाई

शहाबुद्दीन के भाई रियाजुद्दीन का कहना है कि हमारा छोटा भाई इजराइल मे राजमिस्त्री के काम पर गए हुए हैं. हमारे भाई ने वहां के हालात के बारे में बताया वहां पर काफी हवाई हमले हो रहे हैं. लेकिन जहां हमारा भाई है वह पूरी तरह महफूज है. इंडियन गवर्नमेंट के अधिकारी हमारे भाई के संपर्क में है. जैसे भी कोई खतरे का मैसेज आता है वह अलर्ट हो जाते हैं और वह नीचे बंकर में जाकर के छुप जाते हैं.

अप्रैल माह में 35 वर्षीय शहाबुद्दीन हापुड़ से इजराइल के यरुशलम मे राजमिस्त्री का काम करने के लिए गया हुआ है. शहाबुद्दीन की पत्नी और उसके चार बच्चे हापुड़ में ही रहते हैं. परिवार के लोग दिन में कई बार वीडियो कॉल कर हाल-चाल ले रहे हैं.

बाराबंकी जिले में देवा थाना क्षेत्र अंतर्गत सालेहनगर में नई बस्ती के कई लोग इजराइल गए हैं. यहां के जितेंद्र, रंजीत और अखिलेश समेत तमाम लोग इजराइल में रोजी रोटी कमाने गये हैं. लेकिन इजराइल और ईरान के बीच टकराव अब तेज हो गया है. लगातार हो रहे हवाई हमलों के चलते वहां इन कामगारों के साथ यहां उनके परिजनों को काफी डर लग रहा है. परिजनों का कहना है कि जब उनके घर से लोग इजरायल गये थे, तो शुरुआत में स्थिति ठीक रही. लेकिन हालत अब कुछ बदल गए हैं.

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इजराइल मे मौजूद अखिलेश, रंजीत और जितेंद्र समेत अन्य लोगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से बताया कि काम करते करते अचानक से सायरन बजने लग जाता है और मोबाइल फोन पर अलर्ट का मैसेज आ जाता है. अलर्ट मिलते ही वह अपने आसपास बने बंकर के अंदर जाकर अपनी जान बजाते हैं. उन लोगों ने बताया कि बम गिरने की आवाज भी आती हैं, जिससे उन्हें डर भी लगता है.

इन लोगों के घर वालों का कहना है कि हमारे घर के बच्चे वहां के हालातों के बारे में हमें बताते रहते हैं. वहां पर काफी हवाई हमले हो रहे हैं. लेकिन जहां यह लोग काम कर रहे हैं, वह जगह महफूज है. वीडियो कॉल पर उनसे बात होती है. जैसे भी कोई खतरे का मैसेज आता है. वह अलर्ट हो जाते हैं ओर नीचे बंकर में जाकर के छुप जाते हैं. परिवार के लोग दिन में कई बार वीडियो कॉल कर हाल-चाल ले रहे हैं. फिलहाल हमें उनकी चिंता रहती है.

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सरफराज वारसी और अदनान की रिपोर्ट
 

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