दूल्हे ने शगुन में मिले पांच लाख रुपये लौटाए, एक रुपये और नारियल लेकर रचाई शादी

दूल्हे उत्कर्ष पुंडीर ने शगुन के तौर पर एक रुपया लेकर दहेज प्रथा की परंपरा को बंद करने का संदेश दिया. दूल्हे के इस निर्णय का सभी बारातियों व घर के लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया.

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सहारनपुर:

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के नकुड़ थाना क्षेत्र से एक अच्छी खबर आई है. वहां एक दुल्हे ने दहेज के रूप में मिले पांच लाख रुपये लौटा दिए. उसने केवल एक रुपये और एक नारियल लेकर शादी की रस्में पूरी करवाईं. दूल्हे के इस कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है. लोग इसे समाज के लिए उदाहरण मान रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर हर युवा इस तरह के कदम उठाए तो दहजे प्रथा का अंत हो सकता है. दहेज प्रथा समाज में अभिशाप बनकर अभी भी मौजूद है. 

दूल्हे की हर कोई कर रहा है तारीफ

दूल्हे ने शगुन के तौर पर एक रुपया लेकर दहेज प्रथा की परंपरा को बंद करने का संदेश दिया. दूल्हे के इस निर्णय का सभी बारातियों व घर के लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया. नकुड क्षेत्र के गांव टाबर निवासी धर्मवीर सिंह की बेटी अंजना चौहान का रिश्ता गांव खुडाना निवासी राजेश सिंह के बेटे उत्कर्ष पुंडीर के साथ तय हुआ था. उत्कर्ष पुंडीर की बारात टाबर गांव में आईं हुई थी.

उत्कर्ष पंडीर के इस कदम की चारो तरफ तारीफ हो रही है.

दुल्हन पक्ष ने बारात का जोर-शोर से स्वागत किया, इसके पश्चात कन्या पक्ष की ओर से विवाह में शगुन के तौर पर वर पक्ष को पांच लाख रुपए दिए गए. लेकिन दूल्हे ने शगुन में मिले पांच लाख रुपये वापस कर केवल एक रुपया और नारियल लिया. दूल्हे के इस निर्णय की सभी लोगों ने जमकर सराहना की और तालियां बजाकर इस पहल का स्वागत किया. वर्तमान समय में जहां विवाह में दहेज के रूप में एक से बढ़कर एक उदाहरण देखने को मिलते हैं,वहीं उत्कर्ष पुंडीर ने समाज में दहेज प्रथा की परंपरा को बंद करने का संदेश दिया है. दूल्हे द्वारा की गई इस पहल का सभी ने स्वागत किया है.

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