- एक बुजुर्ग दंपती ने पत्नी के आंखों के इलाज के लिए 900 रुपये इकट्ठा किए थे.
- वे महोबा अस्पताल परिसर पहुंचे तो ठग ने दंपती से 900 रुपये छीन लिए.
- ठग ने खुद को सीएमएस का ड्राइवर बताकर और जाति का हवाला देकर पैसे लिए.
- डॉक्टर डीके राय ने दंपती की कहानी सुनकर बिना पैसे लिए ऑपरेशन किया.
हाथ में पाई-पाई कर जोड़े गए 900 रुपये लिए खड़े अस्पताल के सामने खड़े एक बुजुर्ग. आंखों में ये उम्मीद लिए कि पत्नी की आंखों का इलाज हो जाएगा. और फिर दोनों साथ एक बार फिर दुनिया की खूबसूरती देख पाएंगे. लेकिन इसी दुनिया में ऐसे-ऐसे धोखेबाज हैं कि... वो बुजुर्ग दंपती भी ऐसे ही एक ठग का शिकार हो गए. अस्पताल परिसर में ही मौजूद एक ठग ने उनसे 900 रुपये छीन लिए और साथ ही छीन ली, उनकी वो उम्मीद भी.
...लेकिन कहते हैं न, इसी दुनिया में अच्छे लोगों की भी कमी नहीं है. अस्पताल के एक डॉक्टर ने उनकी कहानी सुनकर सहानुभूति जताई और मानवीयता दिखाते हुए बिना पैसे लिए बुजुर्ग की पत्नी की आंखों का ऑपरेशन किया.
महोबा जिला अस्पताल में हुई ठगी
ये घटना उत्तर प्रदेश के महोबा जिला अस्पताल से सामने आई है. दरअसल, कुलपहाड़ निवासी 70 वर्षीय परशु कुशवाहा अपनी पत्नी रामप्यारी की आंखों का इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंचे थे. उन्हें पत्नी की आंखों का ऑपरेशन करवाना था. वे इस उम्मीद में आए थे कि पत्नी की आंखों में लेंस लग जाएगा और उन्हें रोशनी वापस मिल सकेगी, लेकिन अस्पताल परिसर में मौजूद एक ठग ने उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए उनके आखिरी 900 रुपये भी छीन लिए.
जाति बताकर ठग लिए पैसे
पीड़ित परशु कुशवाहा ने बताया कि अस्पताल में उन्हें एक शख्स मिला जिसने खुद को सीएमएस का ड्राइवर बताया. उसने परशु से कहा कि वह भी 'कुशवाहा' है और उनकी मदद करेगा. ठग ने उन्हें झांसा दिया कि डॉक्टर मामूली लेंस डालेंगे जो 6 महीने में खराब हो जाएगा, लेकिन वह अपनी पहचान से 10 हजार रुपये वाला लेंस सिर्फ एक हजार रुपये में डलवा देगा.
गरीब परशु के पास सिर्फ 900 रुपये थे, जो वे अपनी पत्नी के इलाज के लिए लेकर आए थे. उन्होंने यह बात ठग को बताई, जिस पर ठग ने वे 900 रुपये ले लिए और उन्हें डॉक्टर के केबिन में बैठाकर भाग गया.
डॉक्टर ने दिखाई इंसानियत
जब परशु आंखों के सर्जन डॉक्टर डीके राय के पास पहुंचे और रोते हुए अपने साथ हुई घटना बताई, तो डॉक्टर ने उनकी बात धैर्यपूर्वक सुनी. डॉ डीके राय ने मानवीयता का उदाहरण पेश करते हुए बिना एक रुपया लिए उनकी पत्नी की आंखों का सफल ऑपरेशन किया.
ऑपरेशन तो हो गया, लेकिन ठगी के चलते बेचारे बुजुर्ग दंपती के पास अब फल-सब्जी तक खरीदने या घर लौटने तक के पैसे नहीं बचे थे. परशु का कहना है कि वे बेहद गरीब हैं और ये 900 रुपये ही उनके पास आखिरी सहारा थे, जो अब ठग लेकर चंपत हो गया. इस घटना की शिकायत सीएमएस डॉक्टर पवन अग्रवाल से की गई, लेकिन उन्होंने NDTV के कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. सिर्फ इतना कहा कि मामले की जांच की जाएगी.
(रिपोर्ट: इरफान पठान)