- इटावा में कथावाचकों के साथ जाति के नाम पर मारपीट की घटना हुई.
- पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की .
- कथावाचकों पर फर्जी आधार कार्ड बनाने का मामला भी दर्ज किया गया.
उत्तर प्रदेश के इटावा में जाति के नाम पर कथावाचकों के साथ मारपीट मामले (Etawah Kathavachak Misbehave) में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनको पीटने वाले चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं इटावा पुलिस ने दोनों कथावाचकों मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत सिंह यादव के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. इस बीच संत यादव कथावाचक का दर्द एनडीटीवी के कैमरे पर छलक उठा.
कथावाचक संत यादव का छलका दर्द
कथावाचक संत यादव कैमरे पर रो पड़े. उन्होंने भरे हुए गले से कहा, 'हम तो इतना होपलेस हो गए थे कि हमें मरने के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. यह घटना जो हुई, जिंदगी में पहली बार हुई. मेरे बच्चे भी रो रहे थे सर. मैं भी रो रहा था. मुझे मर जाना चाहिए. मुझे जीवित नहीं रहना चाहिए. कुल मिलाकर जो कुछ मेरे साथ हुआ, ऐसा भगवान किसी के साथ न करें. जाति के नाम पर हमें टॉर्चर किया गया. हमें बहुत मारा गया. मणियों की माला ले ली. कंठी भी तोड़कर फेंक दी. इस तरह हम को बहुत ज्यादा परेशान किया. हमारा मुंडन किया गया. मूत्र या फिर जल छिड़का गया. जूतों पर नाक रगड़वाई गई.
थप्पड़ मारे, अंधा समझकर छोड़ दिया
वहीं नेत्रहीन कथावाचक ने कहा, मुझे दो-तीन थप्पड़ मारे. ऐसा लगता है कि जैसे मेरे ऊपर पेशाब छिड़की गई थी,मुझे दिखता नहीं है. उन्होंने हमारे बाल काटे, सोचा ये अंधा है इसे छोड़ दो ये तो भाग नहीं पाएगा. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि गिरफ्तार लोगों पर कार्रवाई की जाए और जो लोग गिरफ्तार नहीं हुए हैं उनको गिरफ्तार किया जाए.
समाज में हमें शर्म महसूस हो रही है
संत यादव ने कहा कि पूरे गांव के लोगों ने हमारे साथ ऐसा सलूक किया. अब हम नए गांव में आ गए हैं तो उन लोगों का डर तो नहीं है लेकिन समाज में हमें शर्म महसूस हो रही है. आगे कथा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर लोग बुलाएंगे तो हम कथा जरूर करेंगे.
क्या है कथावाचक बदसलूकी मामला?
दरअसल, इटावा के बकेवर इलाके में स्थित दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान जाति छुपाने के मुद्दे पर 21 जून को दोनों कथावाचकों की पिटाई की गई थी. इस दौरान उनके बाल भी काट दिए गए थे. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया था.
हालांकि, इस मामले में सियासत तेज होने के बाद दोनों कथावाचकों पर फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने का आरोप लगा था. इस मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले हैं, जिन पर दो अलग-अलग नाम हैं.