शिक्षा समाज के लोगों की भावनाओं को समझने का जरिया : योगी आदित्यनाथ

मुख्‍यमंत्री ने 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजना' के 'युवा संगम' कार्यक्रम के निमित्त आईआईटी पलक्कड़, केरल एवं लक्षदीप से आये 45 विद्यार्थियों से संवाद किया.

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मुख्यमंत्री ने छात्रों से संवाद करने के साथ ही उनके सवालों के भी जवाब दिए.
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा समाज के लोगों की भावनाओं को समझने का जरिया है. मुख्‍यमंत्री ने मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजना' के 'युवा संगम' कार्यक्रम के निमित्त आईआईटी पलक्कड़, केरल एवं लक्षदीप से आये 45 विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि 'शिक्षा समाज के लोगों की भावनाओं को समझने का जरिया है. '

मुख्यमंत्री ने कहा, "आप में से कई लोग पहली बार उत्तर प्रदेश आये होंगे, कोई किसी भी राज्य का हो पर उनका भाव देश प्रेम का ही होगा. जब देश संकट में आता है तो सभी राज्य एक होकर खड़े हो जाते हैं."

यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सबसे पहले मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से परिचय प्राप्त किया. युवा प्रतिनिधिमंडल के 45 में से 35 केरल एवं 10 लक्षद्वीप के छात्र हैं. उनमें 25 छात्र एवं 20 छात्राएं थीं.

योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सफल जीवन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए. मुख्यमंत्री ने छात्रों से संवाद करने के साथ ही उनके सवालों के भी जवाब दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की प्रेरणा से शिक्षा मंत्रालय ने यह (युवा संगम) अभिनव प्रयोग प्रारम्भ किया है और आप जिस केरल से आये हैं, वहीं से वषों पहले शंकराचार्य भी आये थे और उन्होंने चार मठ स्थापित किए थे.

आदित्‍यनाथ ने कहा कि आपने उत्तर प्रदेश को देखा और केरल की तरह ही उत्तर प्रदेश भी देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने कहा, "आबादी के लिहाज से यह देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां छह करोड़ मुस्लिम आबादी है. इसके बावजूद यहां न कर्फ्यू है और न ही दंगा."

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उन्होंने छात्रों को बताया, ''छह वर्ष पहले तक यहां ऐसे हालात नहीं थे, धार्मिक अवसरों पर हिंसा होती थी, लोगों का पलायन होता था, लेकिन छह वर्षों में हमने इसे बदलने का प्रयास किया.''

बयान के अनुसार विद्यार्थियों ने काफी उत्सुकता से मुख्यमंत्री से सवाल किए. एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम सेवा को प्राथमिकता पर रखते हैं. धर्म का आशय कर्तव्य से है. हमने कर्तव्य को सेवा से जोड़कर बढ़ाया है, इसलिए उत्तर प्रदेश विरासत का सम्मान कर तेजी से विकास के पथ पर बढ़ रहा है.''

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बता दें, 45 विद्यार्थियों का यह समूह 26 से 31 मई तक मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज में शैक्षणिक, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन के बारे में जानने आये हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित छात्रों एवं प्रतिनिधियों को ओडीओपी के उत्पाद भी भेंट किए.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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