- सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को वैक्सीनेशन और स्टरलाइज़ेशन के बाद उनके मूल स्थानों पर छोड़ने का आदेश दिया.
- डॉक्टर विशाखा ने लखनऊ में एक फार्महाउस स्थापित किया है, जहां करीब 400 कुत्तों की देखभाल और इलाज किया जाता है.
- SC के फैसले पर विशाखा ने 2 प्वाइंट्स पर संशय जताते हुए फीडिंग सेंटर और हिंसक कुत्तों की पहचान पर सवाल उठाए.
डॉग लवर्स ने आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहत की सांस ली है. आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने का निर्णय जब सुप्रीम कोर्ट ने दिया था, तो हजारों डॉग लवर्स की तरह लखनऊ में पेशे से डॉक्टर विशाखा रात भर रोई थीं. लेकिन आज वह बेहद खुश हैं. विशाखा एक मिसाल हैं कि कैसे आवारा कुत्तों को बेहतर माहौल दिया जा सकता है. उन्होंने आवारा कुत्तों के लिए एक फार्महाउस लिया है, जिसमें अभी वह 400 कुत्तों की देख-रेख करती हैं. यहां उनके खानपान से लेकर इलाज तक का ध्यान रखा जाता है.
कुत्तों के लिए बनाया फार्म हाउस
लखनऊ में पेशे से डॉक्टर विशाखा ने शहर से दूर एक फ़ार्म हाउस बनाया है. इस फ़ार्म हाउस में अभी 400 कुत्तों को रखकर वो उनका इलाज कर रही हैं. विशाखा इस फ़ार्म हाउस में कुत्तों की देखभाल के लिए अपनी कमाई और कुछ डॉग लवर्स के दिए पैसों से काम चलाती हैं. कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर डॉ. विशाखा का कहना है कि वो काफ़ी हद तक इस फ़ैसले से संतुष्ट हैं. उनका कहना है कि कोर्ट के फ़ैसले के दो बिंदुओं पर अभी संशय है.
रात भर रोई थी...
विशाखा बताती हैं कि सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ के फ़ैसले के बाद वो रात भर रोई थीं. उनकी तरह ऐसे तमाम डॉग लवर्स थे, जो परेशान होकर रो रहे थे. लेकिन आज के फैसले से वो ख़ुश हैं, क्योंकि अब सरकार वैक्सीनेशन और स्टरलाइज़ेशन के बाद कुत्तों को उनकी जगह पर ले जाकर छोड़ देगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर 2 संशय
डॉक्टर विशाखा का कहना है कि कोर्ट ने डेडिकेटेड फीडिंग सेंटर शुरू करने को कहा है, लेकिन जबतक ये फीडिंग स्पॉट्स तय नहीं हो जाते, तब तक क्या कुत्तों को कोई खाना नहीं खिला सकता? दूसरा ये कि कोर्ट ने कहा कि जो कुत्ते हिंसक होंगे, उन्हें नहीं छोड़ा जा सकता. ऐसे में ये कौन तय करेगा कि कुत्ता हिंसक है या नहीं? उनका दावा है कि कुत्ते कुछ लोगों के प्रति बहुत सॉफ्ट होते हैं और कुछ लोगों को देखकर हिंसक हो जाते हैं. इसलिए हिंसक की डेफिनिशन तय करने के लिए ख़ास गाइडलाइन तय की जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर अपने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए एक नया अंतरिम फैसला सुनाया है. इस फैसले को अब पूरे देश में लागू किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन के बाद कुत्तों को उनके मूल इलाकों में ही छोड़ा जाएगा, लेकिन रेबीज (रेबीज) पीड़ित या आक्रामक कुत्तों को छोड़ने की अनुमति नहीं होगी.
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