हाथरस भगदड़ के बाद भी बाबा भोले के जन्‍मदिन पर मैनपुरी आश्रम पहुंच रहे हजारों श्रद्धालु, पुलिस ने लौटाया वापस

भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में रविवार सुबह से ही भक्‍तों की भीड़ लगी रही. दूर-दूर से बाबा के भक्‍त आश्रम पहुंचते रहे. हालांकि पुलिस ने पुलिस बैरियर लगाकर भक्‍तों को रोका और उन्‍हें आगे आश्रम तक नहीं जाने दिया. 

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भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम पर बड़ी संख्‍या में महिलाएं भी पहुंची.
लखनऊ:

हाथरस भगदड़ मामले (Hathras Stampede Case) के बाद भी सूरजपाल उर्फ भोले बाबा में आम लोगों की आस्‍था कम नहीं हुई है. भोले बाबा के जन्‍मदिन पर रविवार को मैनपुरी में बने राम कुटीर आश्रम में बाबा में आस्‍था रखने वाले लोगों की भीड़ लग गई. यहां पर बाबा का जन्‍मदिन मनाने के लिए बाहर से बसों में भरकर बाबा के अनुयायी पहुंचे. हालांकि आश्रम पर मौजूद पुलिस दिनभर बाबा के भक्‍तों को समझाकर लगातार वापस भेजती रही. भोले बाबा के जन्‍मदिन को हर साल काफी धूमधाम से मनाया जाता था. 

भोले बाबा के मैनपुरी आश्रम में रविवार सुबह से ही भक्‍तों की भीड़ लगी रही. दूर-दूर से बाबा के भक्‍त आश्रम पहुंचते रहे. हालांकि पुलिस ने पुलिस बैरियर लगाकर भक्‍तों को रोका और उन्‍हें आगे आश्रम तक नहीं जाने दिया. 

बाबा के आश्रम पर भारी पुलिस बल मुस्तैदी से तैनात है, जो बाबा के अनुयायियों को वापस भेज रहा है. 

सीओ ने ली सुरक्षा व्‍यवस्‍था की जानकारी 

सीओ सुनील कुमार सिंह भी रविवार को मौके पर पहुंचे और उन्‍होंने थानाध्‍यक्ष से सुरक्षा व्‍यवस्‍थाओं की जानकारी ली. उन्‍होंने आश्रम के बाहर लगे पुलिस बल को दिशा-निर्देश दिए. 

भोले बाबा के आश्रम पर बड़ी संख्‍या में महिलाएं भी पहुंची. जब महिलाएं आश्रम के अंदर नहीं जाने दिया गया तो उन्‍होंने वहीं से प्रणाम किया. साथ ही कई महिलाओं ने आश्रम के बाहर संकीर्तन भी किया. 

एक महिला ने कहा कि हम यहां पर बाबा को नमन करने के लिए आए हैं. उन पर हमारी श्रद्धा है. उन्‍होंने कहा कि हम यहां पर उनकी ही बदौलत खड़े हैं. 

हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की हो गई थी मौत 

बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दो जुलाई को हुए एक धार्मिक समागम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए थे. हाथरस जिले के फुलरई गांव में आयोजित ‘सत्संग' के लिए 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे. सूरजपाल को बाबा नारायण हरि, साकार विश्वहरि और भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है. 

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. प्राथमिकी में आयोजकों के खिलाफ सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. साथ ही इस कार्यक्रम में 2.5 लाख लोग एकत्रित हुए थे, जबकि केवल 80,000 लोगों के लिए ही अनुमति दी गई थी. 

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