शिव की नगरी काशी में सोमवार शाम भव्य देव दीपावली मनायी (Dev Deepawali 2022) गयी. सूर्यास्त के साथ ही उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर प्रज्जवलित लाखों दीपों ने आलौकिक छटा बिखेरी. तकरीबन आठ किलोमीटर लंबे काशी के घाटों पर मानों आकाशगंगा के सितारे उतर आये हों. सभी महत्वपूर्ण घाटों पर भव्य महाआरतियों और घंट-घड़ियालों की ध्वनि से काशी की धरा पर देवताओं का स्वागत हुआ. बता दें कि रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने देव दीपावली की व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और अधिकारियों को समुचित निर्देश भी दिए थे.
देव दीपावली के अवसर पर काशी का प्रत्येक घाट अलग-अलग रंग बिखेरता दिखा. कहीं लेज़र शो का आयोजन हुआ, तो कही ग्रीन आतिशबाजियां देखने देश और दुनिया के सैलानी टकटकी बांधे दिखे. इसके अलावा दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति बनाकर देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. मां गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की भी अद्भुत तस्वीर देखने को मिली. यहां मुख्य अर्चक के रूप में कन्याओं ने गंगा मइया की पूजा-वंदना की.
21 लाख दीपों से जगमग हुई पुण्यधरा काशी
देव दीपावली पर काशी नगरी में तकरीबन 21 लाख दीये जलाये गये. केवल काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर ही 10 लाख से अधिक दीये जलाये गये. इसमें आठ लाख दीये पश्चिमी तट पर स्थित 84 घाटों पर जबकि, दो लाख दीये पूर्वी तट की रेत पर जलाये गये. इसके अलावा गंगा-गोमती तट पर स्थित मार्कण्डेय महादेव के धाम से लेकर शूलटंकेश्वर मंदिर के समीप नदी तट को आकर्षक दीयों से सजाया गया. शिवपुर झील, मोती झील, जंसा क्षेत्र में रामेश्वर महादेव मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर, कर्दमेश्वर महादेव मंदिर तालाब, मैदागिन स्थित मंदाकिनी कुंड, संकुलधारा पोखरा, बरेका स्थित सूर्य सरोवर के साथ ही वरुणा नदी के शास्त्रीघाट पर भी लाखों दीयों से जलनिधियों को जगमग किया गया.
अलौकिक के साथ आधुनिक काशी का नजारा
काशी में एक साथ 21 लाख दीयों के प्रज्जवलित होने से अलौकिक समा तो बंधा ही साथ ही चेत सिंह घाट पर पहली बार 3 डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो के माध्यम से गंगा आवरण व देव दीपावली की कथा और लेज़र शो के माध्यम से भगवान शिव के चित्रात्मक भजन सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो उठे. देव दीपावली पर काशी के सभी मंदिरों, यहां तक कि सड़क के विद्युत खंभों को भी आकर्षक झालरों से सजाया गया. काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन आतिशबाजी का भी लोगों ने जमकर आनंद लिया. इसके अलावा शहर के छह स्थानों पर घाटों की रौनक और महाआरतियों का सीधा प्रसारण किया गया.
अध्यात्म के साथ राष्ट्रीयता का संदेश
देव दीपावली महोत्सव ने अध्यात्म के साथ ही राष्ट्रीयता का भी संदेश दिया. दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति पर जवानों को श्रद्धांजलि भी दी गई. यहां देश के वीर शहीद जवानों को सेना के लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. लगभग सभी घाटों पर धार्मिक आयोजन हुए, धार्मिक कलाकृति देखने को मिली. घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ.
शामिल हुए SCO देशों के सदस्य
पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से वाराणसी की देव दीपावली साल दर साल भव्य से भव्यतम रूप में दिखाई देने लगी है. हाल ही में काशी को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की और से एक साल के लिए सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है. वहीं देव दीपावली पर SCO देशों में से रूस से एक व किर्गिस्तान से दो सदस्य काशी की अलौकिक छटा को निहारने पहुंचे.
50 टन फूलों से सजाया गया काशी विश्वनाथ धाम
देव दीपावली पर काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को 50 टन फूलों से सजाया गया. सजावट का कार्य दो दिन पहले से शुरू हो गया था. इसके लिए सरकार की ओर से 80 लाख रुपये खर्च किये गये थे. वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के अनुसार विशाखापट्टनम के डेकोरेटर ने स्वेच्छा से मंदिर को सजाने-संवारने के लिए पहल की थी. मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया. इसमें विश्वनाथ धाम के गंगाद्वार को आकर्षक झालरों से सजाया गया. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद इस साल ये पहली देव दीपावली मनायी गयी है. आने वाले सालों में भी देव दीपावली पर विश्वनाथ धाम को भव्य रूप से सजाया जाएगा.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
देव दीपावली पर काशी के घाटों पर उमड़ी लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने पुख्ता बंदोबस्त किये थे. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश के अनुसार देव दीपावली पर काशी में सात स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. इसमें घाटों की सुरक्षा, नदी में सुरक्षा, सड़क पर सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, इमर्जेंसी प्रबंधन, अंतरविभागीय समन्वय और इंट्री एंड एग्जिट को लेकर मुकम्मत तैयारी पहले से ही की गयी थी. इसके अलावा काशी नगरी को 9 जोन, 16 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांटकर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी थी.
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