उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड जिले के महोबा में दबंगई का एक मामला सामने आया है. एक दबंग ने अपने दलित बटाईदार के सामने शर्त रखी है कि उसे उसके हिस्से का अनाज तभी मिलेगा, जब वो अपने पूरे परिवार के साथ उसके पैर छुएगा. उस दबंग की भाभी पंचायत चुनाव में प्रधान पद की उम्मीदवार थी, जो चुनाव हार गई. दबंग का आरोप है कि उसके दलित बटाईदार और उसकी जाति के लोगों ने उसकी भाभी को वोट ना देकर चुनाव हरा दिया. इसके लिए उनकी सजा है कि पूरा परिवार पैर छूकर माफी मांगे, तभी उसके हिस्से का अनाज मिलेगा.
पीड़ित की बड़ी बेटी आरती बीएससी कर रही है, उसकी शादी बटाई का अनाज मिलने के बाद होने वाली थी. लेकिन बटाई का अनाज ना मिलने से उसकी शादी टूट गई. पीड़ित बाबू राम की बेटी आरती का कहना है, 'क्या करें परिवार में एक सदस्य कमाने वाले हैं, तो उसमें जैसा चलता है अपना गुजारा चला लेते हैं. अगर सरकार का राशन नहीं मिलता तो हमारा तो गुजारा होता ही नहीं. कोई देने वाला भी नहीं है.'
महोबा का मकरबाई मिली जुली आबादी वाला गांव है. बाबू राम ने चंद्र शेखर से मिलकर करीब 18 बीघा जमीन में खेती की. पूरे परिवार ने सालभर खेती करके गेहूं और चना पैदा किया था. उसे बटाई की आधी फसल के अलावा खेत की रखवाली करने, फसल काटने के एवज में भी अनाज मिलना था. जिसकी कीमत करीब 70 हजार है.
पीड़िता बाबू राम का कहना है, 'साल भर हमारा परिवार उसमें लगे रहे. खेतों में खूब मेहनत की. जब फसल कट गई और हिस्से की बाट की तो कहा कि अभी हिस्सा नहीं बांटा जाएगा. अब तुमको पैर पकड़ने होंगे.'
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अप्रैल महीन में गांव में प्रधानी के चुनाव थे तो आरोपी चंद्रशेखर की भाभी सुनीता देवी भी मैदान में थी. आरोप है कि चंद्र शेखऱ ने बाबू राम से कहा था कि पहले अपने परिवार और जाति के वोट उसकी भाभी को दिलवाए फिर उसे उसके हिस्से का अनाज मिलेगा. लेकिन चुनाव में चंद्रशेखर की भाभी हा गई. बाबू राम के परिवार को कहना है कि इससे वो और नाराज हो गया. अब बाबू राम ने पुलिस में शिकायत करके अपने हिस्से का अनाज दिलाने की गुजारिश की है.
महोबा की एसपी सुधा सिंह ने कहा, 'शिकायतकर्ता का कहना है कि हम उनसे अपना अनाज वापस मांग रहे हैं, लेकिन वो देने से इनकार कर रहे हैं. इसके संबंध में उन्होंने कुछ और भी तरह के आरोप लगाए हैं. इस संबंध में जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.'
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