देश बुलडोजर से नहीं, कानून और संविधान से चलना चाहिए : अखिलेश यादव

मैनपुरी संसदीय सीट के उपचुनाव में सपा की जीत को लेकर अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि '' भाजपा ने जो मैनपुरी में हार देखी है, उसका अभी तक आकलन नहीं कर पाए हैं कि वे लोग इतना बुरी तरह क्यों हारे.''

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अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का गठबंधन प्रदेश की सभी 80 सीट पर चुनाव लड़ेगा. (फाइल)
आजमगढ़ (उप्र) :

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में राज्‍य की सभी 80 सीट पर सपा गठबंधन के चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि देश बुलडोजर से नहीं, बल्कि कानून व संविधान से चलना चाहिए. यहां सपा के वरिष्ठ नेता बलराम यादव की पत्‍नी के निधन के बाद शनिवार को शोक संवेदना प्रकट करने पहुंचे अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा. यादव ने कहा कि देश बुलडोजर से नहीं, बल्कि कानून व संविधान से चलना चाहिए. 

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी के संबंध में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का गठबंधन प्रदेश की सभी 80 सीट पर चुनाव लड़ेगा. 

सपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), महान दल, अपना दल (कमेरावादी), जनवादी पार्टी आदि के गठबंधन से चुनाव लड़ा था, जिनमें से सुभासपा और महान दल के साथ सपा का गठबंधन टूट चुका है. 

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यादव ने पिछले वर्ष समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी संसदीय सीट के उपचुनाव में सपा की जीत को लेकर भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि '' भाजपा ने जो मैनपुरी में हार देखी है, उसका अभी तक आकलन नहीं कर पाए हैं कि वे लोग इतना बुरी तरह क्यों हारे.''

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सपा प्रमुख ने कहा कि वे (भाजपा) इसलिए हारे कि शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, महंगाई, रोजगार और कानून व्यवस्था तक किसी का भी जवाब इनके पास नहीं है. 

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सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर लोकसभा चुनाव में किधर रहेंगे, इस सवाल पर यादव ने कहा कि 'यह वही जानें.'

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उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं को कोई नहीं बता सकता है कि वे कहां हैं. गौरतलब है कि सुभासपा प्रमुख राजभर ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन से चुनाव लड़ा और सरकार में मंत्री बने, लेकिन दो वर्ष के भीतर ही योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पहली सरकार से इस्तीफा देकर विद्रोही हो गए. 

वर्ष 2022 में राजभर ने सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में वह भाजपा के पाले में आ गए. इसके बाद उनका सपा से गठबंधन टूट गया. 

उन्होंने प्रयागराज में तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह और दो सुरक्षाकर्मियों की हाल में हुई हत्‍या को सरकार की विफलता करार दिया. 

उन्होंने कहा कि भाजपा को बताना चाहिए सुरक्षा के संबंध में जो जांच की गई थी उसकी जिम्मेदारी किसकी थी. इसे उन्होंने खुफिया विभाग की विफलता करार दिया. 

उन्होंने विधानसभा में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के हाल ही में माफिया को मिट्टी में मिला देने वाले बयान पर तंज करते हुए कहा, ''जो लोग यह कह रहे थे मिट्टी में मिला देंगे तो भाई शीर्ष 10 माफिया की सूची कब आएगी.''

यादव ने दावा किया कि ''माफिया की सूची इसलिए नहीं आ रही है क्योंकि हो सकता है कि भाजपा के लोग भी इस सूची में आ जाएं.''

सपा प्रमुख ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि लोकनिर्माण विभाग, स्वास्थ्य और बिजली महत्वपूर्ण विभाग हैं, लेकिन लोकनिर्माण विभाग की बात करें तो पिछले वर्ष 30 प्रतिशत भी धन खर्च नहीं किया गया. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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