महिलाओं पर अपराध कम, सजा दिलाने में नंबर वन... दंगा कंट्रोल में भी योगी का दिखा दम

एनसीआरबी की रिपोर्ट-2023 के मुताबिक, यूपी में सांप्रदायिक व धार्मिक दंगों की संख्या शून्य रही है. अन्य कई अपराध श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है.

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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध न्यूनतम हैं. वहीं महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में सजा दिलाने के मामले में प्रदेश देश में नंबर वन है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट में भी कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की सराहना दिखती है. 2023 में यूपी में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों की संख्या शून्य रही.

मुख्यमंत्री ने बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर बुधवार को गोरखनाथ मंदिर में महानवमी पर कन्या पूजन के बाद कहा कि नारी शक्ति के प्रति सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के भाव से सरकार अनेक कार्यक्रम चला रही है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए नवरात्र की पहली तारीख 22 सितंबर से मिशन शक्ति का पांचवां चरण शुरु किया गया है. इसमें महिलाओं की सुरक्षा के साथ ही उनके स्वावलंबन जागरूकता के लिए पंचायत स्तर तक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. मिशन शक्ति सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है. 

एनसीआरबी की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में यूपी में सांप्रदायिक एवं धार्मिक दंगों की संख्या शून्य रही है. योगी आदित्यनाथ से पहले हालिया इतिहास में ऐसा नहीं हुआ था. यही नहीं, पूरे देश के मुकाबले यूपी में अपराध एक चौथाई कम है. देश के सबसे बड़े राज्य में कुल अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 25% कम रही, जो 448.3 के मुकाबले 335.3 रही.

यूपी में सांप्रदायिक दंगों का इतिहास देखें तो 2012-2017 के बीच 815 दंगे हुए थे, जिनमें 192 लोगों की जान गई. 2007-2011 में 616 घटनाओं में 121 मौतें हुईं. इसके उलट, 2017 के बाद यूपी में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ. बरेली और बहराइच में दो हिंसक झड़पें हुईं, लेकिन प्रशासन ने 24 घंटे के भीतर शांति कायम कर दी. हाल ही में बरेली में भी बवाल से पहले ही त्वरित कार्रवाई कर हालात काबू कर लिए.

एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि यूपी में विभिन्न अपराध श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है. बलवा के मामलों में भारत में 39,260 मामले (क्राइम रेट 2.8) के मुकाबले यूपी में 3,160 मामले (क्राइम रेट 1.3) रहे, जो राष्ट्रीय औसत के आधे से भी कम है. 

इसी तरह फिरौती के लिए अपहरण की देश में 615 घटनाएं हुई, वहीं यूपी महज 16 घटनाओं के साथ देश में 36वें स्थान पर है. डकैती (आईपीसी 395) के मामलों में भारत में 3,792 (क्राइम रेट 0.3) के मुकाबले यूपी में 73 मामले दर्ज हुए. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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