कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच UP में चुनावी रैलियों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया यह जवाब

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो भी चुनावी रैलियां हो रही हैं, वहां कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. मतदान की तारीखों की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ही हमारी जिम्मेदारी शुरू होती है.

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यूपी में चुनावी रैलियों पर आयोग ने दिया अपना बयान
लखनऊ:

यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. चुनाव आयोग ( Election Commission) इस बार मतदान के दौरान हर हाल में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने की तैयारी में है. इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो भी चुनावी रैलियां हो रही हैं, वहां कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. मतदान की तारीखों की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ही हमारी जिम्मेदारी शुरू होती है, तब तक यह जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. वह स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ( state disaster management authority) की निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगे. 

चुनाव रैलियों में कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की है. चुनाव की घोषणा के बाद हम निश्चित रूप से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेंगे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने कहा है कि विधानसभा चुनाव कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार ही हो.  

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मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान का समय एक घंटे तक बढ़ाया जाएगा. साथ ही चुनाव के दौरान फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को टीके की दोनों डोज लगाई जाएगी. साथ ही निर्देश जारी किए गए हैं कि राज्य के हर मतदाता को टीके की कम से कम एक खुराक लगाई जाए. हालांकि, मुख्य चुनाव आयुक्त ने बाद में NDTV से कहा  कि अगर किसी को टीका नहीं लगाया गया तो किसी को भी मतदान करने से नहीं रोका जाएगा.  मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यूपी के अधिकारियों ने हमें बताया है कि 50 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है और राज्य में अब तक केवल चार ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं. 

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