कुशीनगर के बौद्ध भिक्षु ज्ञानेश्वर महास्थवीर का निधन, म्यांमार ने अपने सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजा था

म्यांमार के सर्वोच्च सम्मान नागरिक सम्मान 'अभिध्वजा महारथा गुरु' से सम्मानित भंते ज्ञानेश्वर का लखनऊ के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. भंते ज्ञानेश्वर के निधन पर विस्तार से जानकारी दे रहे हैं उदय सिंह.

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कुशीनगर:

गौतम बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर के बौद्ध भिक्षु संघ के संस्थापक अध्यक्ष और बौद्ध धर्म के प्रमुख भंते अग्ग महापंडित भदंत ज्ञानेश्वर महास्थवीर का लखनऊ में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका लखनऊ में मेदांता हॉस्पिटल इलाज चल रहा था. उनके निधन की खबर से देश-विदेश में बौद्ध अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई है. भंते ज्ञानेश्वर के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है. उन्होंने लिखा है कि बौद्ध धर्म के सिद्धांतों के प्रति आजीवन समर्पित भंते ज्ञानेश्वर जी एक प्रसिद्ध संत थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भगवान बुद्ध के ज्ञान और करुणा के प्रसार में समर्पित कर दिया.

कौन थे भंते ज्ञानेश्वर

भंते ज्ञानेश्वर का जन्म 1936 में बर्मा (म्यांमार) में हुआ था.वो  1963 में वे भारत आ गए थे.उन्होंने कुशीनगर में सबसे पहले वर्मा बुद्ध मंदिर की स्थापना की. उनका जीवन बुद्ध की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार में समर्पित रहा. भारत सरकार ने 1977 में उन्हें भारतीय नागरिकता दी थी. उसके बाद से वे कुशीनगर में ही रहे. बौद्ध धर्म में उनके योगदान को देखते हुए म्यांमार सरकार ने 2021 में उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान 'अभिध्वजा महारथा गुरु' से अलंकृत किया था.

भदंत ज्ञानेश्वर ने कुशीनगर में वर्मीज पैगोडा का निर्माण कराया, जो आज अंतरराष्ट्रीय श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र है.वो बौद्ध संस्थान के अध्यक्ष भी रहे. उनके शिष्य देश-विदेश में फैले हुए हैं. भदंत ज्ञानेश्वर के निधन पर कई राजनीतिक और सामाजिक लोगों ने अग्ग महापंडित भदंत ज्ञानेश्वर महास्थवीर के निधन पर शोक जताया है. शुक्रवार शाम तक उनका पार्थिव शरीर कुशीनगर आने की संभावना है. म्यांमार मंदिर में उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

भंते ज्ञानेश्वर के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ''बौद्ध धर्मगुरु श्री भंते ज्ञानेश्वर जी, बर्मा मंदिर, कुशीनगर के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुःख हुआ. बौद्ध धर्म के सिद्धांतों के प्रति आजीवन समर्पित श्री भंते ज्ञानेश्वर जी एक प्रसिद्ध संत थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भगवान बुद्ध के ज्ञान और करुणा के प्रसार में समर्पित कर दिया. उनका निधन बौद्ध समाज और समग्र मानवता के लिए एक अपूरणीय क्षति है. बौद्ध धर्मगुरु श्री भंते ज्ञानेश्वर जी की आत्मा की शांति की कामना करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. सभी शोक संतप्त अनुयायियों एवं भक्तों के प्रति हमारी विनम्र संवेदना.ॐ शांति!''

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