अयोध्या की फिल्मी सितारों वाली रामलीला में ये क्या हुआ? रावण दहन पर क्यों लगानी पड़ी रोक

रामनगरी अयोध्या में फ़िल्मी सितारों द्वारा आयोजित की जा रही रामलीला के दौरान रावण दहन के आयोजन पर संकट गहरा गया है. अयोध्या के राम कथा पार्क में यह रामलीला 22 सितंबर से चल रही है. इसमें कई फ़िल्मी और टीवी जगत के कलाकार मंचन कर रहे हैं.

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अयोध्या:

रामनगरी अयोध्या में फ़िल्मी सितारों द्वारा आयोजित की जा रही रामलीला के दौरान रावण दहन के आयोजन पर संकट गहरा गया है. अयोध्या जिला प्रशासन ने राम कथा पार्क में 2 अक्टूबर को विजय दशमी के अवसर पर होने वाले रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों के दहन पर रोक लगा दी है. अयोध्या के ए.डी.एम सिटी योगानन्द पाण्डेय ने इस संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि रामकथा पार्क में आयोजित रामलीला के आयोजकों ने रावण दहन कार्यक्रम के लिए पूर्व अनुमति नहीं ली थी. इसके अतिरिक्त, प्रशासन का कहना है कि यह कार्यक्रम गैर-परम्परागत है, जिसके कारण पुतला दहन की अनुमति प्रदान नहीं की गई है. प्रशासन ने केवल रामलीला के मंचन की अनुमति दी है, सुरक्षा कारणों और गैर-पारंपरिक प्रकृति को भी इस फैसले का आधार बताया गया है.

आयोजकों का पक्ष: लाखों का खर्च और बड़े पुतले

अयोध्या की रामलीला के आयोजक सुभाष मलिक बॉबी ने प्रशासन के इस निर्णय पर निराशा व्यक्त की है. उन्होंने बताया कि रावण दहन कार्यक्रम की तैयारियों पर लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं. दिल्ली के कलाकारों द्वारा एक महीने से रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले तैयार किए जा रहे थे. 240 फीट ऊंचे महा रावण के पुतले का दहन होना था, साथ ही 190 फीट के कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले भी तैयार किए गए थे. 

आयोजक बॉबी मलिक ने यह भी बताया कि इस फिल्मी रामलीला को हर साल संस्कृति मंत्रालय का सहयोग मिलता है. उन्होंने पुतला दहन की अनुमति के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई है.

फिल्मी रामलीला में सितारों का जमावड़ा

अयोध्या के राम कथा पार्क में यह रामलीला 22 सितंबर से चल रही है. इसमें कई फ़िल्मी और टीवी जगत के कलाकार मंचन कर रहे हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

रवि किशन

मनोज तिवारी

अवतार गिल

राकेश बेदी

बिंदु दारा सिंह

मिस यूनिवर्स इंडिया मणिका विश्वकर्मा

अयोध्या में रावण दहन की परंपरा

इस घटना के पीछे एक और पहलू यह है कि ऐसी मान्यता है कि रामनगरी अयोध्या में रावण का दहन नहीं किया जाता है. परंपरा के अनुसार, भगवान राम जब रावण का अंत करके अयोध्या लौटे थे, तो उन्होंने ब्राह्मणों को दान-पुण्य किया था. प्रशासन के इस कदम से 2 अक्टूबर को होने वाले दशहरे के रंग में भंग पड़ गया है और अब सबकी निगाहें आयोजकों की अपील और प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं.

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