- बीजेपी और अपना दल के बीच संबंधों में तनाव का संकेत है, भले ही बाहरी रूप से सब ठीक प्रतीत हो रहा हो
- अपना दल ने पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लिया है, जो उनकी स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
- आशीष पटेल ने यूपी सरकार पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए प्रोपेगेंडा का दावा किया
- कुर्मी समाज में अपना दल का अच्छा प्रभाव है, हालांकि पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक सीट खोई
यूपी में बीजेपी और सहयोगी दलों के बीच क्या सब कुछ ठीक है! लगता तो ऐसा ही है. लेकिन अंदर ही अंदर खिचड़ी तो पक रही है. अपना दल यूपी में बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है. पार्टी की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री है. उनके पति आशीष पटेल योगी सरकार में मंत्री हैं. अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती पर पार्टी ने लखनऊ में कार्यकम किया. अपना दल ने पंचायत चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है. आशीष पटेल ने यूपी सरकार पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर पीठ में छुरा घोंपा गया तो फिर चुप नहीं बैठेंगे.
'हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा...'
अपना दल के नेता आशीष पटेल ने एक बार फिर बिना नाम लिए उत्तर प्रदेश सरकार और सूचना विभाग पर निशाना साधा. मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि 1700 करोड़ के बजट पर चलने वाली मीडिया नहीं दिखती है. हमारी कोई खबर और इसी बजट से चलाया जाता है. हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा.
कुर्मी समाज में अपना दल का अच्छा प्रभाव
अपना दल साल 2014 से ही बीजेपी के साथ गठंबधन में हैं. यूपी में पार्टी के 13 विेधायक हैं. पर इस कार्यक्रम में सभी विधायक नहीं पहुंचे. यूपी के कुर्मी समाज में अपना दल का अच्छा प्रभाव है. पर बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी एक सीट हार गई. इससे पहले पार्टी के यूपी से दो सांसद थे. लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में आशीष पटेल ने कहा जैसे जैसे दल आगे बढ़ रहा है. वैसे-वैसे षडयंत्र हो रहा है. लेकिन अपना दल किसी से डरने वाला नहीं है. लगातार षडयंत्र हो रहे हैं. जैसे ही आपकी नेता की जातीय जनगणना की बात मान ली गई. उसी समय हमारे प्रदेश अध्यक्ष को हटा दिया गया.
जिस समय आशीष और अनुप्रिया पटेल कार्यक्रम कर रहे थे. ठीक उसी समय अपना दल से बगावत कर कुछ नेता भी एक अलग बैठक कर रहे थे. इन नेताओं ने अपना मोर्चा नाम से एक फ़्रंट तैयार किया है. इनका दावा है कि अपना दल के 13 में से 9 विेधायक उनके साथ हैं. मोर्चा के नेता ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि असली अपना दल तो हम हैं. आशीष पटेल कहते हैं कि यहां कई लोग बैठे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तक. लेकिन उनकी खबर नहीं छपती है, क्योंकि उनके पास 1700 करोड़ की हैसियत नहीं है.
अपना दल नेता आशीष पटेल ने कहा कि अगर हमारी बात नहीं सुनी जाएगी तो हमारे कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे और हर चीज का जवाब दिया जाएगा. पटेल ने कहा प्रधानमंत्री का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमारे नेता की सामाजिक न्याय की बात को स्वीकार किया. जिस पार्टी के संस्थापक कभी नहीं डरे. क्या उनका कार्यकर्ता कभी डरेगा. आप आधारहीन लोगों को खबर में छपवा सकते हैं. लेकिन आप सच्चाई को कभी छुपाया नहीं जा सकते.