उत्तर प्रदेश का बहराइच इन दिनों भेड़ियों (Behraich Wolf Terror) से आतंकित है. नेपाल की सीमा से सटे बहराइच के करीब 30 गांवों के लोग पिछले दो महीने से खादमखोर भेड़ियों से इस कदर खौफजदा हैं कि घर से निकलने में भी खौफ खाते हैं. हो भी क्यों न, भेड़िए अब तक 8 लोगों को अपना शिकार जो बना चुके हैं. पिछले दो महीनों में सात बच्चे और एक महिला इन आदमखोर भेड़यों की भेंट चढ़ चुके हैं, वहीं दो दर्जन लोगों घायल हो चुके हैं. वन विभाग ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक और भेड़ए को पकड़ लिया है. अब तक चार भेड़िए पकड़े जा चुके हैं, अब सिर्फ 2 की तलाश है.
वन विभाग की टीम ने भेड़िये को लोकेट किया, पटाख़े बजाकर उसको एक विशेष रास्ते में आने को मजबूर किया और अंत में ट्रेनकुलाइज़ करके उसे पकड़ लिया. अब भेड़िये को पिंजरे में बंद कर किसी चिड़ियाघर में ले जाकर सुरक्षित करके रखा जाएगा. भेड़ियों का आतंक इतना कि इन गांव वालों का खाना-पीना, उठना-बैठना और बाहर जाना तक मुहाल हो गया. क्या बच्चे और क्या बड़े और क्या बूढ़े, सभी इन आदमखोरों के आतंक के साये में जी रहे हैं. छह भेड़िए और दर्जनों गांव वाले, आतंक इतना कि क्या ही कहें. 4 भेड़िए तो वन विभाग के पिंजरे में कैद हो चुके हैं, अब दो आदमखोरों की तलाश है.
आलम ये है कि डरे सहमे कई परिवारों ने तो अपने बच्चों को अपने रिश्तेदारों के घर तक भेज दिया है. जानकारी के मुताबिक वन विभाग ने पहले तीन भेड़ियों को पकड़ा था, जिसके बाद बचे हुए भेड़िए और भी आक्रमक हो गए हैं और तेजी से हमले करने लगे. ये आदमखोर दिन में खेतों में छिप जाते हैं और रात होते ही हमले करना शुरू कर देते हैं. गांव वाले अब खेतों में पहरा देने को मजबूर हैं. ड्रोन कैमरे में ये कई बार देखे जा चुके हैं. ऑपरेशन भेड़िया भी शुरू हो चुका है.
सोते बच्चे को उठा ले गया भेड़िया
26 अगस्त को भेड़िया एक महिला के पास सो रहे 7 साल के बच्चे को उठाकर ले गया. घर से थोड़ी दूर बच्चे का शव मिला. मां की जब नींद खुली तो बेटा वहां नहीं दिखा. वह दिन रात बच्चे तो तलाशती रही लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. अगले दिन सुबह कुछ लोगों ने बच्चे का शव खेत में पड़े होने की बात बताई, तब पता चला कि उसे तो भेड़िया उठाकर ले गया था.
भेड़ियों ने कब किया पहला हमला?
बहराइच के इन आदमखोर भेड़ियों ने पहला शिकार जून महीने में किया था. इसके बाद कुछ-कुछ दिन में एक के बाद एक भेड़िए यहां के लोगों को अपना शिकार बनाते गए. खून इनके मुंह कुछ इस कदर लगा कि ये पिछले तीन दिनों में तीन लोगों की जान ले चुके हैं, जिसकी वजह से लोग आतंकित हैं. बहराइच के महसी तहसील इलाक़े में कई गांवों में इनकी चहलक़दमी देखी जा रही है.
ड्रोन से निगरानी, फिर भी हाथ खाली
आठ लोगों की जान लेने वाले इन भेड़ियों को पकड़ने के लिए अब चार ज़िलों के डीएफ़ओ को लगाया गया है. यहां तक कि ड्रोन से खेतों की निगरानी की जा रही है, लेकिन फिर भी ये चार आदमखोर पकड़ में नहीं आ रहे हैं. चारों कहां छिपे हैं, ये कोई भी समझ नहीं पा रहे हैं. ये भेड़ए वन विभाग और जिला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं.
बहराइच के 30 गांव में भेड़ियों का खौफ
न तो प्रशासन का ड्रोन कैमरा काम आ रहा है और न ही वन विभाग की टीमें और सीनियर अधिकारी ही कुछ कर पा रहे हैं. प्रशासन जब इन आदमखोरों को पकड़ने में नाकाम रहा तो गांव वालों ने खुद ही उनको खोजने के लिए मोर्चा संभाल लिया.
लापता भेड़ियों के ख़ौफ़ से ग्रामीण बहुत ही परेशान हैं. कहीं भेड़िया आकर उनके अपनों को खा न जाए, इस बात से आतंकित करीब 30 गांव वाले रात भर जागकर निगरानी करने को मजबूर हैं. खेतों के पास लगे लोहे के पिंजरे भी किसी काम नहीं आ रहे हैं. बेखौफ भेड़िए लोगों को धड़ल्ले से अपना शिकार बना रहे हैं.