- बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा के दौरान पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर भीड़ ने आगे बढ़ने की कोशिश की थी
- पुलिस ने अब तक आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान समेत 88 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है
- बरेली हिंसा मामले में दस FIR दर्ज की गई हैं जिनमें 125 नामजद और तीन हजार से अधिक अज्ञात आरोपी शामिल हैं
यूपी के बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा का पुलिस ने एक और नया वीडियो जारी किया है. वीडियो में पुलिस के बैरिकेड्स को तोड़कर भीड़ आगे बढ़ती दिखाई दे रही है. लोग नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं. कुछ लोग बैनर भी दिखा रहे हैं. पुलिस लाउडस्पीकर में ऐलान कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करती नजर आ रही है. लेकिन भीड़ पुलिस बैरिकेड्स को तोड़कर आगे निकल जाती है. बरेली हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान समेत 88 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक दस प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें 125 नामजद लोग और 3,000 से ज़्यादा अज्ञात लोग हैं.
बरेली में पिछले महीने 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' अभियान को लेकर हिंसा भड़क उठी थी. प्रदर्शन के दौरान खलील तिराहे पर पुलिस द्वारा भीड़ को रोकने की कोशिश के दौरान झड़पें हुई थीं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिसकर्मियों को लाठीचार्ज करना पड़ा.
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि अधिकारी उन्हें कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लेने की तैयारी कर रहे हैं.अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद मौलाना तौकीर रजा को जल्द बरेली लाये जाने की संभावना नहीं है. पुलिस और जिला प्रशासन कथित तौर पर रज़ा को रासुका के प्रावधानों के तहत हिरासत में रखने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं. वे उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि और शहर में हाल में हुई अशांति का हवाला दे रहे हैं.