रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ बीएचयू में छात्रों के एक गुट ने कुलपति आवास का घेराव कर विरोध किया. छात्रों का कहना है कि किसी पूंजीपति की पत्नी होना महिला सशक्तिकरण का पैमाना नहीं हो सकता है. छात्रों ने चेतावनी भी दी कि अगर नीता अंबानी आती हैं तो वह इसका विरोध करेंगे और यह सारा कुछ निजीकरण को बढ़ावा देने के तहत किया जा रहा है.
बता दें, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक और रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का आमंत्रण प्रस्ताव भी भेजा है. ये प्रस्ताव बीएचयू प्रशासन की तरफ से नहीं बल्कि एक डिपार्टमेंट की तरफ से भेजा गया है. डिपार्टमेंट का कहना है कि उसने यह निर्णय महिला अध्ययन केंद्र में पढ़ रही छात्राओं के लिए लिया गया है.
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नीता अंबानी के विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने की खबर जब अखबारों में छपी तो छात्रों को नागवार गुजरा. उन्होंने जब विरोध प्रदर्शन किया तो बीएचयू प्रशासन ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है और इस तरीके का कोई प्रस्ताव बीएचयू की तरफ से नहीं भेजा गया है. अगर किसी डिपार्टमेंट ने व्यक्तिगत तौर पर कुछ भेजा हो तो वह नहीं कह सकते हैं लेकिन फिलहाल बीएचयू की तरफ से नहीं है. कुलपति के इस आश्वासन के बाद छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म किया.