अलीगढ़ जिले में अवैध रूप से रह रहे म्यामांर और वर्मा के रोहिंग्याओं के खिलाफ एटीएस व अलीगढ़ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से हड़कंप मच गया. आनन-फानन में 17 लोगों को गिरफ्तार करते हुए इलाका पुलिस के द्वारा जेल भेज दिया है. वहीं, दूसरी ओर रोहिंग्या पर हुई कार्रवाई को लेकर इलाके में सनसची मच गई.बताया जाता है लगभग 13 वर्षों से ज्यादा से अलीगढ़ में रोहिंग्या वर्मा व म्यामार का बॉर्डर चोरी से पार करके अपना जीवन यापन कर रहे थे.
दरअसल, यह पूरा मामला जिला अलीगढ़ के थाना कोतवाली क्षेत्र का है, जहां अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं के खिलाफ एटीएस और इलाका पुलिस द्वारा गिरफ्तारी अभियान चलाया गया. इसके तहत मकदूम नगर इलाके से 17 रोहिंग्या गिरफ्तार किए गए हैं. जिनमें सात पुरुष व दस महिलाएं शामिल हैं. कोतवाली क्षेत्र के मकदूम नगर पीपल वाली गली से गिरफ्तार पुरुष और महिलाओं के साथ कुछ छोटे बच्चे भी थे.
कई दिन से चल रही जांच पड़ताल के बाद पुलिस व एटीएस की स्थानीय यूनिट ने संयुक्त रूप से ये कार्रवाई की. सभी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें विदेशी अधिनियम में दर्ज मुकदमे में जेल भेजा गया है.
प्रदेश स्तर पर पिछले कई दिन से अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को लेकर जांच पड़ताल चल रही थी. इसी जांच के क्रम में सुबह एक गिरफ्तारी अभियान चलाया गया. इस दौरान जांच व तलाशी में इनके पास किसी तरह का शरणार्थी कार्ड नही मिला. वहीं ,रोहिंगयाओं से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वर्मा म्यामार में जब युद्ध चल रहा था तो वह अपनी जान बचाकर भारत का बॉर्डर चोरी से पास करके यहां आ गये. जिसके बाद से वे यहीं रहकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं.