उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले असद खान ने काशी पहुंचकर सनातन धर्म अपना लिया. गंगा की गोद में नाव पर 21 ब्राह्मणों की उपस्थिति में वैदिक विधि-विधान से असद की शुद्धिकरण और पूजन संपन्न हुआ. इसके बाद गणेश पूजन कराया गया. हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया. शुद्धिकरण के बाद असद का नामकरण कर उन्हें 'अथर्व त्यागी' नाम दिया गया. हिंदू धर्म में आने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें बचपन से ही मंदिरों में जाना और पूजा-पाठ करना पसंद है. उनका परिवार अभी भी इस्लाम को मानता है. हिंदू धर्म अपनाने के बाद अर्थव त्यागी ने हिंदू धर्म के समर्थन में नारेबाजी भी की.
असद खान को क्या मिला नया नाम
पूजन कराने वाले ब्राह्मण आलोक योगी ने बताया कि हिंदू धर्म में शामिल करने से पहले शुद्धिकरण संस्कार किया गया. इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर असद खान का नया नामकरण किया गया. उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया शास्त्रीय विधि के अनुसार संपन्न कराई गई.
वाराणसी में असद खान का शुद्धीकरण कराकर हिंदू धर्म में शामिल करवाते विद्वान.
पूरा परिवार अभी भी इस्लाम को मानता है
वहीं शुद्धीकरण के बाद असद खान से अथर्व त्यागी बनने वाले व्यक्ति ने बताया कि वे पेशे से इंजीनियर हैं. उनका पूरा परिवार मध्य प्रदेश के सागर जिले में रहता है. उन्होंने बताया कि उनका परिवार अभी भी मुस्लिम धर्म का पालन करता है. उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्हें मंदिरों में जाना और पूजा-पाठ करना पसंद था, लेकिन बड़े होने के बाद नाम के कारण कई बार मंदिरों में प्रवेश और पूजन में उन्हें असहजता का सामना करना पड़ा. अथर्व ने स्वयं को बजरंग बली का भक्त बताया. उन्होंने कहा कि अपनी आस्था के अनुरूप जीवन जीने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया.
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