उत्तर प्रदेश में महिलाओं से छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए एक बार फिर से एंटी रोमियो स्क्वाड को सक्रिय किया जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अधिकारियों की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश जारी किए हैं. वो साल था 2017, जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. बतौर सीएम अपने शुरुआती फैसलों में उनका एक फ़ैसला एंटी रोमियो स्क्वाड को लेकर भी था. अब एक बार फिर से पुलिस सड़कों पर छेड़खानी करने वालों पर सख़्ती करने जा रही है.
एंटी रोमियो स्क्वाड का उद्देश्य लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटनाओं को रोकना है. सड़कों पर, स्कूल कॉलेज के सामने या गली मुहल्लों में फब्तियां कसने वालों पर लगाम लगाने की पहल के तौर पर इसे शुरू किया गया था. इसके लिए सभी जिलों के प्रभारियों को एंटी रोमियो स्क्वॉड्स बनाने के निर्देश दिए गए थे. इस स्क्वाड के लोग सादे कपड़ों में सार्वजनिक जगहों पर होने वाली छेड़खानी की घटनाओं पर लगाम लगाने का काम करते थे.
ये तो हुई राजनीति की बात, लेकिन जिनके लिए ये क़ानून बना है, वो इस पर क्या सोचती हैं, जरा उन लड़कियों की भी सुनते हैं.
यूपी सरकार ने महिला सुरक्षा की दिशा में कई कदम उठाए हैं
- एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन
- 1090 वोमेन पावरलूम सेवा
- मिशन शक्ति अभियान
- महिला सम्मान प्रकोष्ठ
- स्मार्ट कंट्रोल रूम
- सार्वजनिक स्थलों और बसों में सीसीटीवी
फिलहाल योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद माना जा रहा है कि बहुत जल्द एंटी रोमियो स्क्वाड सक्रिय होकर सड़कों पर दिखाई देगा. इससे घर से बाहर निकलकर काम करने, पढ़ने जा बाज़ार जाने वाली लड़कियों के साथ होने वाली वारदातों में कमी ज़रूर दिखाई देगी.