हमसे पहले परिवारवाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ और BJP ने अपनाया : अखिलेश यादव

पैतृक गांव सैफई (इटावा) में 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, ''अगर वो (मोदी) लाल किले से परिवारवाद वाली बात कर रहे हैं तो हमसे पहले उप्र के मुख्‍यमंत्री जी को भी देखना चाहिए.’’

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लखनऊ:

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के परिवारवाद वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमसे पहले अगर परिवारवाद किसी ने अपनाया है तो उप्र के मुख्‍यमंत्रीजी (योगी आदित्यनाथ) और उनकी पार्टी भाजपा ने अपनाया है. मंगलवार को अपने पैतृक गांव सैफई (इटावा) में 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, ''अगर वो (मोदी) लाल किले से परिवारवाद वाली बात कर रहे हैं तो हमसे पहले उप्र के मुख्‍यमंत्री जी को भी देखना चाहिए.''

उन्होंने कहा, ‘‘हमसे पहले परिवारवाद के उदाहरण बने हैं, हमलोग तो बाद में उदाहरण बने हैं. लेकिन उप्र के मुख्‍यमंत्री जी पहले उदाहरण हैं, उप्र में . हमसे पहले अगर परिवारवाद किसी ने अपनाया है तो भाजपा ने और उन्‍होंने.'' गौरतलब है कि लाल किले की प्राचीर से 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में राजनीति में परिवारवाद का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि इसने देश को लूट लिया है और तबाह किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘इसने (परिवारवाद) जिस प्रकार से देश को जकड़ कर रखा है, उसने देश के लोगों का हक छीना है.'' उन्होंने कहा, ‘‘यह बीमारी है. परिवारवादी पार्टियों का मंत्र है परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए. परिवारवाद और भाई भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं. परिवारवाद से मुक्ति इस देश के लोकतंत्र के लिए जरूरी है.'' पत्रकारों द्वारा प्रधानमंत्री के इस उद्बोधन की ओर ध्यान दिलाने पर सपा प्रमुख ने भाजपा पर पलटवार किया.

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सपा ने परिवारवाद के मसले पर हाल ही में एक पोस्टर जारी किया था, जिसमें यह बताया गया था कि गोरक्षपीठाधीश्वर रहे महंत अवैद्यनाथ वर्ष 1969 में अपने गुरु महंत दिग्विजय नाथ के निधन के बाद गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गये और इस क्षेत्र का कई बार प्रतिनिधित्व किया. उनके राजनीति से संन्यास लेने के बाद 1998 में उनके शिष्य योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए और मुख्‍यमंत्री बनने तक (2017) लगातार यहां का प्रतिनिधित्व किये.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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