समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान को लेकर कहा कि बांटने का काम बीजेपी करती है और काटने का काम उनके (योगी आदित्यनाथ) भाषणों से उन्मादी लोग करते हैं. साथ ही अंसारी ने कहा कि मैं दुआ करूंगा कि जिस तरह बांग्लादेश और श्रीलंका में हुआ है, उस तरह भारत में ना हो. उन्होंने कहा कि देश में चुनी हुई सरकार के खिलाफ जनता का बगावत कर खड़े हो जाना, किसी भी देश में ऐसा ना हो, लेकिन दुनिया में यह पैगाम गया है कि सबसे बड़ी ताकत जनता है.
गाजीपुर सांसद ने सपा और कांग्रेस के अंदर जिन्ना की आत्मा वाले सीएम योगी के बयान पर कहा कि जो लोग दुनिया में नहीं है, उनका नाम लेकर टिप्पणी किया जाना सही नहीं है. हम उनके जवाब में यह कहने वाले नहीं है कि उनके अंदर किसकी आत्मा घुसी है, अगर कोई कह दे कि उनके अंदर नाथूराम गोडसे की आत्मा घुसी है तो, जिसने महात्मा गांधी को भी नहीं बख्शा था. जिन्ना देश का बंटवारा करने वाले थे और यह बंटवारे का समर्थन करने वालों के लिए बयान हो सकता है.
महाराष्ट्र-झारखंड चुनावों का ऐलान नहीं करने पर सवाल
उन्होंने कहा कि सवाल किया कि आखिर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान क्यों नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि मजबूरी में 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव की घोषणा की गई, लेकिन दो राज्यों का चुनाव रोका गया. उन्होंने झारखंड में चुनाव की घोषणा नहीं करने का हवाला देते हुए कहा कि चंपई सोरेन को किस तरह बरगलाया गया, वह आप सभी जान रहे हैं और उन्हें तोड़ भी लिया गया.
कार्रवाई में भेदभाव से गलत संदेश जाएगा : अंसारी
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की वारदात को लेकर उन्होंने कहा कि हम घटना की निंदा करते हैं और पीड़ित परिवार को सहायता दिलाए जाने की मांग करते हैं. हालांकि रेप जैसी घटना चाहे बंगाल में हो, उत्तर प्रदेश में हो या गाजीपुर में हो या फिर अयोध्या में हो, कार्रवाई में अगर भेदभाव किया जाएगा तो जनता में गलत संदेश जाएगा.
ममता बनर्जी के विवादित बयान पर अफजल अंसारी ने कहा कि जला देंगे, काट देंगे, मार देंगे, मिट्टी में मिला देंगे जैसे शब्द भाजपा के पेटेंट हैं. दूसरा इनका डायलॉग कैसे बोल सकता है.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने एक सुर में कहा है कि हम सरकार में आएंगे तो जातिगत जनगणना कराएंगे. ऐसे में अब जनगणना भी शुरू हो गई है तो क्यों नहीं आप जाति आधारित जनगणना करा देते हैं.