तू डाल-डाल मैं पात-पात, अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य में फिर ठन गई

समादवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव हाल में ही शादी में महोबा गए थे. पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने केशव मौर्य पर तंज कसा था. अखिलेश यादव ने कहा था, "उन्होंने क्या सपना देखा था और क्या हासिल हुआ. गवर्नमेंट सर्वेंट बनकर रह गए हैं."

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लखनऊ:

अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के रिश्ते पर तू डाल-डाल मैं पात-पात कहावत एकदम सटीक बैठती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों नेताओं का रिश्ता एकदम गजब का ही है. दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं. केशव पहले बीजेपी के यूपी अध्यक्ष रहे. उसके बाद वह डिप्टी सीएम बने लेकिन अखिलेश यादव से हमेशा ही उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा है. दोनों ही नेता ओबीसी समाज से आते हैं. हालांकि, एक बार फिर होली के मौके पर केशव प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव में ठन गई. 

समादवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव हाल में ही शादी में महोबा गए थे. पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने केशव मौर्य पर तंज कसा था. अखिलेश यादव ने कहा था, "उन्होंने क्या सपना देखा था और क्या हासिल हुआ. गवर्नमेंट सर्वेंट बनकर रह गए हैं." अखिलेश उन्हें कई सालों से स्टूल मंत्री भी कहते रहे हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी एक्शन में हैं. 

उन्होंने कहा "सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आप मुझे गाली दें या अपमान करें, लेकिन मैं आपके लिए हमेशा आदरसूचक शब्दों का ही उपयोग करूंगा". केशव ने अखिलेश यादव को सावधान करते हुए कहा, आपके अपमान और तुष्टिकरण की राजनीति का जवाब यूपी की जनता देगी. पिछड़े वर्ग और गरीब आपकी साइकिल पंचर कर सपा को 'समाप्तवादी पार्टी' बना देंगे! सच्चाई यह है कि आपको कभी भी कोई मजबूत पिछड़ा नेता सहन नहीं होता.

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लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव के PDA फार्मूले ने बीजेपी की बैंड बजा दी. कांग्रेस के साथ मिलकर इंडिया गठबंधन ने 80 में से 43 सीटें जीत लीं. लेकिन उसके बाद हुए विधानसभा की दस सीटों के उप चुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी रहा. अब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कहते हैं कि आपका PDA (परिवार डबलपमेंट एजेंसी) केवल धोखेबाजी है. अगर आप वास्तव में छत्रपति शिवाजी महाराज के समर्थक होते, तो औरंगजेब का महिमामंडन करने वाला विधायक अबू आजमी अब तक सपा से बाहर होता.

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