क्या GST स्लैब और रेट्स में होने वाला है बदलाव? 25 सितंबर को आ सकता है बड़ा फैसला

GST एक ऐसा Tax है जो किसी चीज को खरीदने पर लगता है. जो चीजें जरूरी होती हैं, उन पर कम टैक्स लगता है, और जो चीजें महंगी या हानिकारक होती हैं, उन पर ज्यादा टैक्स लगता है. ये टैक्स देश भर में एक जैसा होता है, जिससे टैक्स सिस्टम को आसान बना दिया गया है.

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नई दिल्ली:

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों को युक्तिसंगत बनाने पर मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक 25 सितंबर को होगी. बैठक में टैक्स स्लैब (Tax Slab) और रेट (GST Rates in 2024) में बदलाव पर चर्चा हो सकती है. एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि यह बैठक 25 सितंबर को गोवा में होगी. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मंत्री समूह (GoM) की पिछली बैठक 22 अगस्त को हुई थी और उसने नौ सितंबर को जीएसटी परिषद को स्थिति रिपोर्ट सौंपी थी.

अगस्त की बैठक के दौरान, GoM ने केंद्र और राज्यों के टैक्स अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति को कुछ वस्तुओं पर टैक्स रेट बदलने (Gst Rate Change) के प्रभाव का विश्लेषण करने और अधिक आंकड़े जुटाने का काम सौंपा था.

GST Slab और  Rates क्या है?

GST एक ऐसा Tax है जो किसी चीज को खरीदने पर लगता है. जो चीजें जरूरी होती हैं, उन पर कम टैक्स लगता है, और जो चीजें महंगी या हानिकारक होती हैं, उन पर ज्यादा टैक्स लगता है. ये टैक्स देश भर में एक जैसा होता है, जिससे टैक्स सिस्टम को आसान बना दिया गया है. फिलहाल  चार मुख्य जीएसटी स्लैब (GST slabs in India 2024)  हैं जिसमें 5%, 12%, 18% और 28%  की दरें हैं.

जीएसटी के तहत, आवश्यक वस्तुओं को या तो छूट दी गई है या उन्हें निचले कर स्लैब में रखा गया है, जबकि महंगी और हानिकारक वस्तुओं पर सबसे ऊंचा कर स्लैब लागू है. इसपर सबसे अधिक 28 प्रतिशत स्लैब के ऊपर उपकर लगता है.

GST के 12 और 18% टैक्स स्लैब को मिलाने की संभावना

जीएसटी के 12 और 18 प्रतिशत कर स्लैब को मिलाने की बात चल रही है, लेकिन अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है. लगभग 12 प्रतिशत के आसपास, औसत जीएसटी दर 15.3 प्रतिशत की राजस्व तटस्थ दर से नीचे गिर गई है. इसने जीएसटी दर युक्तिकरण पर चर्चा शुरू करने की आवश्यकता को जन्म दिया है.

ये राज्य GST स्लैब में बदलाव के पक्ष में नहीं

पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्य फिलहाल जीएसटी स्लैब में बदलाव के पक्ष में नहीं हैं. अगस्त में मंत्री समूह की बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा था, “मैंने कहा है कि जीएसटी स्लैब में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए.”

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कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने कहा था कि मंत्री समूह को यह विश्लेषण करना है कि क्या जीएसटी प्रणाली को छेड़ने की आवश्यकता है, जो अब मोटे तौर पर स्थिर हो गई है. उन्होंने कहा था, “इसे बिगाड़ने से आपको क्या हासिल होगा? हमने कहा कि अगली बैठक में हम इसपर चर्चा करेंगे (स्लैब कम करने पर).”

बता दें कि छह सदस्यीय मंत्री समूह में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेंद्र सिंह और केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल भी शामिल हैं.
 

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