दिल्ली और गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे पर पर फ्री में सफर के दिन लद गए. इस एक्सप्रेसवे पर नि:शुल्क यात्रा का चरण समाप्त हो चुका है और अब यहां से गुजरने के पैसे देने होंगे. NHAI यानी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बिजवासन टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन शुरू कर दिया है. आप अगर अपनी कार लेकर गुजर रहे हैं तो द्वारका एक्सप्रेसवे के 30 किलोमीटर के सेक्शन पर एक तरफा यात्रा के लिए आपको 220 रुपये देने होंगे, जबकि वापसी के सफर के लिए 330 रुपये का भुगतान करना होगा.
टोल रेट्स इतने महंगे क्यों?
द्वारका एक्सप्रेसवे ज्यादा टोल दरों को लेकर भी चर्चा में है. कहा जा रहा है कि पूरे रीजन में सबसे महंगी टोल दरें यहां की हैं. इसके पीछे कुछ वजहें भी बताई जा रही हैं. दरअसल, NHAI के टोलिंग स्टैंडर्डर्स (मानदंडों) के अनुसार, द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में लगी अतिरिक्त लागत की वसूली के लिए ऊंचे और सुरंग वाले खंडों को उसी के बराबर सामान्य सड़क की लंबाई में बदला जाता है. इसका मतलब ये हुआ कि भले ही एक्सप्रेसवे की वास्तविक स्ट्रेच 30 किलोमीटर की है, लेकिन महंगे एलिवेटेड स्ट्रक्चर्स के कारण 150 किलोमीटर की समतुल्य सड़क लंबाई के लिए टोल लिया जा रहा है.
टोल कलेक्शन शुरू होने के साथ ही द्वारका एक्सप्रेसवे का उपयोग करने वाले लोगों को प्रीमियम रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भुगतान करना पड़ रहा है. नए सिस्टम से ट्रैफिक को सुव्यवस्थित करने और NHAI को देश के सबसे उन्नत शहरी एक्सप्रेसवे में से एक की उच्च निर्माण लागत की वसूली में मदद मिलने की उम्मीद है.
एक्सप्रेसवे की मोटी लागत
द्वारका एक्सप्रेसवे को NH 248-BB के नाम से भी जाना जाता है, जो दिल्ली के द्वारका को गुरुग्राम (हरियाणा) के खेरकी दौला टोल प्लाजा से जोड़ता है. ये करीब 29 किलोमीटर लंबी 8-लेन एक्सप्रेसवे है. पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 9,000 करोड़ रुपये बताई जाती है. इसमें 8-लेन एलिवेटेड मेन कैरिजवे और समानांतर 8-लेन सर्विस रोड शामिल हैं. मार्च 2019 में इसका शिलान्यास किया गया था, जबकि मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में पड़ने वाले इसके 18.9 किलोमीटर लंबे सेक्शन का उद्घाटन किया. अगस्त 2025 में पीएम मोदी ने ही दिल्ली में पड़ने वाले शेष 10.1 सेक्शन का उद्घाटन किया गया. इस सेक्शन के अंतर्गत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी (मेट्रो लाइन्स, बस डिपो, रेलवे स्टेशन) शामिल हैं.
एक्सप्रेसवे से राहत भी, फायदे भी
द्वारका एक्सप्रेसवे से दिल्ली से गुरुग्राम तक की यात्रा का समय लगभग आधा हो जाता है. ये 8-लेन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे पहली बार भारत में बनाई गई इस तरह की परियोजना है. इसमें ट्रंपेट और क्लोवरलीफ इंटरचेंज बनाए गए हैं, जो NH-8 और सेंट्रल पेरिफेरल रोड से जुड़ते हैं. IGI हवाई अड्डे के लिए 5.1 किमी लंबा टनल भी इस परियोजना का हिस्सा है जो यात्रा समय को और कम करता है.
इसमें ऑटोमेटेड टोल कलेक्शन सिस्टम लगा है, जिससे ट्रैवलर्स को सुविधा होती है. एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद आसपास रियल एस्टेट में तेजी आई है. साथ ही ये क्षेत्र स्थानीय लोगों और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण बन गया है. इस एक्सप्रेसवे पर अब टोल कलेक्शन शुरू हो चुका है.














