फोन आते ही पता चलेगा कॉल करने वाला कौन, नहीं पड़ेगी ट्रूकॉलर जैसे ऐप और इंटरनेट की जरूरत

verified True caller ID: मोबाइल फोन पर स्पैम और धोखाधड़ी वाली कॉल से जल्द ही यूजर्स को छुटकारा मिलने वाला है. सरकार ऐसा नया फ्री सिस्टम ला रही है, जिससे कॉल आते ही फोन करने वाले की पहचान सामने आएगी

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CNAP
नई दिल्ली:

आप भी रोजाना अज्ञात मोबाइल नंबर की इनकमिंग कॉल से परेशान होते होंगे,लेकिन बहुत जल्द ही इससे आपको छुटकारा मिलने वाला है. दूरसंचार नियामक आयोग (TRAI) ऐसा फीचर्स CNAP लांच करेगा, जिससे फोन पर कॉल आने के साथ कॉल करने वाले का नाम भी आएगा. कोई भी मोबाइल यूजर्स इस सुविधा का लाभ ले सकेगा और चाहे तो इससे हटा भी सकेगा. देश में इस फीचर का सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा चुका है.   CNAP लांच होते ही दुनिया का सबसे बड़ा वेरीफाइड कॉलर आईडी सिस्टम होगा. 

इससे रोजाना स्पैम और फर्जी कॉल से आपको छुटकारा मिल जाएगा. केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को कॉलिंग नेम प्रजेंटेशन (Calling Name Presentation) दिया है, जो कॉल आते ही कॉलर का असली वास्तविक नाम आपको बता देगी. लिहाजा आपको ट्रू कॉलर जैसे थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगा. कॉल करने वाले का नाम सीधे टेलीकॉम ऑपरेटर के डेटाबेस से आपके फोन पर आएगा. जिस नाम से वो सिम रजिस्टर्ड हुआ है, उसके डिटेल के आधार पर ये नाम सामने आएगा. 

दरअसल, जब भी आपके पास कॉल आता है तो आप उलझन में रहते हैं कि वो कॉल उठाएं या नहीं. अगर आप ऑफिस या किसी अन्य जरूरी काम में व्यस्त हों तो ये टेंशन और बढ़ जाती है. मन में ये आशंका रहती है कि कहीं ये कोई जरूरी कॉल तो नहीं है. ऐसे में असली नाम सामने आने से आप आसानी से यह तय कर सकेंगे कि फोन उठाना है या नहीं. अगर वो कॉलर किसी कंपनी या संदिग्ध एजेंसी की ओर से आई स्पैम कॉल है तो आप उसे ब्लॉक भी कर सकेंगे. 

 ये सुविधा बेसिक फोन या स्क्रीन वाले स्मार्ट फोन पर भी उपलब्ध होगी.  

इसके लिए किसी ऐप डाउनलोड करने या इंटरनेट की जरूरत नहीं

ये फीचर हर मोबाइल यूजर को फ्री में उपलब्ध होगा

अगर कोई सुविधा नहीं चाहता है तो उसे हटने का विकल्प भी मिलेगा 

दरअसल, रोजाना ऐसे लाखों फर्जी स्पैम या धोखाधड़ी वाली कॉल लोगों के पास आती हैं, जो उन्हें किसी न किसी तरीके से टारगेट करने की कोशिश करती हैं. डिजिटल अरेस्ट, बिजली बिल या बैंक अकाउंट बंद करने जैसी धमकियों के जरिये भी लोगों को चूना लगाया जाता है. बुजुर्गों और भोले-भाले लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं.यह प्राइवेसी और सेफ्टी तो बढ़ाएगी ही, साथ ही स्पैम और स्कैम कॉल पर भी रोक लगाएगी.

कई शहरों के 4जी और 5जी नेटवर्क में इस फीचर के सफल ट्रायल के बाद कंपनियां जल्द ही इसे शुरू करने वाली हैं.प्रयोग के दौरान सिस्टम ने साबित किया कि यह डेटा और VoIP कॉल के लिए बेहतर तरीके से काम कर रहा है. हालांकि इसके लिए देशव्यापी लांचिंग के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट और नेटवर्क अपग्रेड की जरूरत होगी. ये जरूरत पूरी होते ही सीएनएपी लागू हो जाएगी. ये वैकल्पिक होगी. 

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