केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम, यानी एकीकृत पेंशन योजना या UPS को स्वीकृति दे दी है, जिससे 23 लाख कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ सकता है. इस योजना का मकसद सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट, यानी सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना है.
आइए देखते हैं, UPS की क्या-क्या खासियतें हैं...
निश्चित पेंशन (Assured Pension)
जिन कर्मचारियों ने कम से कम 25 वर्ष तक नौकरी की है, उन्हें रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों में रही उनकी औसत बेसिक सैलरी, यानी मूल वेतन का आधा, यानी 50 फ़ीसदी निश्चित पेंशन हासिल होगी. 25 वर्ष से कम नौकरी करने वालों के लिए उनकी पेंशन उनके कार्यकाल के अनुपात में तय की जाएगी, और योजना के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल तय की गई है.
निश्चित फ़ैमिली पेंशन (Assured Family Pension)
बदकिस्मती से अगर किसी कर्मचारी का निधन हो जाता है, तो कर्मचारी की पत्नी या पति को पारिवारिक पेंशन दी जाएगी. पारिवारिक पेंशन की राशि निश्चित रूप से उस पेंशन का 60 फ़ीसदी होगी, जो कर्मचारी को उसके निधन से पहले दी जा रही थी.
निश्चित न्यूनतम पेंशन (Assured Minimum Pension)
UPS के तहत उन सभी कर्मचारियों को भी पेंशन दी जाएगी, जिन्होंने न्यूनतम 10 साल की नौकरी कर ली है. उनके लिए रिटायरमेंट पर हर महीने ₹10000 की न्यूनतम पेंशन की गारंटी की गई है.
मुद्रास्फीति इंडेक्सेशन (Inflation Indexation)
UPS के अंतर्गत निश्चित पेंशन तथा निश्चित फैमिली पेंशन को मुद्रास्फीति इंडेक्सेशन के तहत रखा गया है. इस समायोजन से सुनिश्चित होगा कि पेंशन की राशि का मुद्रास्फीति, यानी महंगाई के साथ तालमेल बना रहे.
महंगाई राहत (Dearness Relief)
फिलहाल सेवारत कर्मचारियों की ही तरह UPS के अंतर्गत भी रिटायर हो चुके कर्मचारियों को औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आधार पर महंगाई राहत दी जाएगी.
रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान (Lump Sum Payment on Superannuation)
रिटायरमेंट के अवसर पर कर्मचारियों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी की राशि के अतिरिक्त प्रत्येक कर्मचारी को रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान भी हासिल होगा. कर्मचारी की प्रत्येक छह माह की सेवा अवधि के लिए उसके अंतिम मासिक वेतन (रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का जोड़) का 10 फ़ीसदी भुगतान किया जाएगा. इस एकमुश्त भुगतान से निश्चित पेंशन की राशि या मात्रा कम नहीं की जाएगी.
UPS के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट X (अतीत में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है... यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (UPS) इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है... यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है..."
23 लाख कर्मचारियों को होगा लाभ...
UPS से केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मियों को तुरंत लाभ होगा. वैसे, अगर राज्य सरकारों ने भी इस योजना का विकल्प अपने कर्मचारियों को दिया, तो यह तादाद बढ़कर 90 लाख हो सकती है, और समूचे भारत में सरकारी कर्मचारियों के काफ़ी बड़े हिस्से को इसका फ़ायदा मिल सकेगा.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की यह योजना कई गैर-BJP शासित राज्यों द्वारा DA-लिंक्ड पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर लौटने का फ़ैसला करने तथा कुछ राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा OPS की मांग उठाने के बाद घोषित की गई है.
1 जनवरी, 2004 या उसके बाद केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) लागू की जा चुकी है. अधिकतर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें अपने नए कर्मचारियों के लिए NPS को अधिसूचित कर चुकी हैं.
OPS के अंतर्गत रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 फ़ीसदी मासिक पेंशन के रूप में दिया जाता था. महंगाई दर में बढ़ोतरी के साथ यह राशि बढ़ती रहती है. वैसे, OPS वित्तीय रूप से निश्चित नहीं होती, क्योंकि इसमें अंशदान नहीं होता, और सरकारी खज़ाने पर बोझ बढ़ता रहता है.