SMS से भी कर दी लाखों की ठगी, बैंक का मैसेज समझ फंस गए ज्वैलर्स

व्यक्ति ने बहाना बनाया कि एक मीटिंग के चलते वह खुद डिलीवरी लेने नहीं आ सकता, वह पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कर देगा और उसको गोल्ड चेन दिल्ली के खान मार्केट में डिलीवर कर दी जाए.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

अगली बार आपके बैंक अकाउंट में पैसा क्रेडिट होने का मैसेज आए तो मैसेज सेन्डर या बैंक ऐप/इंटरनेट बैंकिंग से जरूर क्रॉस चेक कर लें कि अकाउंट में पैसा वाकई क्रेडिट हो गया है या नहीं. दिल्ली के चांदनी चौक में देश के सबसे बड़े सराफा बाजार कूंचा महाजनी में फर्जीवाड़े का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको देखकर आप भी कहेंगे कि ऐसा फर्जीवाड़ा या धोखाधड़ी तो आपके या किसी के साथ कभी भी हो सकती है.

सोने की चेन की डील

कूंचा महाजनी में पिछले 51 साल से नवल किशोर खंडेलवाल की ज्वेलरी शॉप है।. पिछले हफ्ते की बात है जब वह अयोध्या दौरे पर गए हुए थे. नवल किशोर खंडेलवाल की दुकान पर एक व्यक्ति ने संपर्क किया और 15 ग्राम सोने की चेन खरीदने की डील की. व्यक्ति ने बहाना बनाया कि एक मीटिंग के चलते वह खुद डिलीवरी लेने नहीं आ सकता, वह पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर कर देगा और उसको गोल्ड चेन दिल्ली के खान मार्केट में डिलीवर कर दी जाए.

बैंक डिटेल लेने के बाद एसएमएस

उस व्यक्ति ने दुकान पर मौजूद नवल किशोर खंडेलवाल के बेटों से बैंक डिटेल ली और कुछ ही देर में अयोध्या में मौजूद नवल किशोर खंडेलवाल के फोन पर ₹93,400 उनके पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट में क्रेडिट होने का मैसेज आया. नवल किशोर खंडेलवाल ने स्क्रीनशॉट अपने बेटे को भेज दिया और कहा कि पैसा आ गया है आप डिलीवरी करवा दो. गोल्ड चैन की डिलीवरी हो गई.

फोन पर पेमेंट का मैसेज

अगले दिन फिर उसे व्यक्ति ने फोन किया और इस बार 31 ग्राम की सोने की चेन का सौदा तय हुआ और पिछली बार की तरह ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करके खान मार्केट में डिलीवरी की बात हुई. अयोध्या में मौजूद नवल किशोर खंडेलवाल के फोन पर इस बार ₹1,95,400 का पंजाब नेशनल बैंक एकाउंट में पैसा क्रेडिट होने का मैसेज आया, उन्होंने अपने बेटे को बताया और बेटे ने खान मार्केट में सोने की चेन डिलीवर करवा दी.

पैसा नहीं हुआ क्रेडिट

लेकिन थोड़ी ही देर बाद जब नवल किशोर खंडेलवाल ने अपनी मोबाइल ऐप पर देखा तो उनके पांव तले जमीन खिसक गई. उनके बैंक अकाउंट में यह पैसा क्रेडिट नहीं हुआ था.

नवल किशोर खंडेलवाल ने पैसा क्रेडिट होने के मैसेज चेक किया तो पता चला कि वह मैसेज बैंक से नहीं आए थे बल्कि एक साधारण मोबाइल फोन नंबर से आए थे.

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बैंक का जवाब

'मैं अयोध्या में था और जैसे ही रामकथा खत्म हुई तो मैंने सोचा कि एक बार ऐप में चेक कर लेता हूं कि पैसा आ गया है. लेकिन मैंने देखा तो पता चला कि अकाउंट में पैसा नहीं दिख रहा, मैंने मैसेज चेक किया तो दिखा कि मैसेज भेजने वाला बैंक नहीं था. इसके बाद मैंने अपने बेटे को कहा तो उसने बैंक में जाकर बात की तो बैंक वालों ने भी कह दिया कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हमारे यहां से मैसेज नहीं गया है.'

पुलिस में शिकायत

नवल किशोर खंडेलवाल और उनके बेटे समझ गए थे कि किसी ने उनके साथ धोखाधड़ी की है और फर्जी मैसेज बनाकर ये एहसास कराया कि पैसा एकाउंट में आ गया है, लेकिन असल में ये 2.88 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है. नवल किशोर खंडेलवाल के बेटे ने गृह मंत्रालय के पोर्टल और पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी है.

शातिर निकला जालसाज़

लेकिन कहानी यहां खत्म नहीं. धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति को लगा कि जैसे पहले दो बार वह धोखाधड़ी कर चुका है ऐसे ही तीसरी बार भी की जा सकती है. इसलिए उसने खंडेलवाल जी की दुकान पर फिर से संपर्क किया और इस बार ₹2,56,000 अकाउंट में क्रेडिट होने का वैसा ही मैसेज फिर से भेजा जैसे पहले दो बार भेजा था लेकिन इस बार खंडेलवाल जी के बेटे पुलिस के साथ मिलकर जाल बिछाकर इसको पकड़ना चाह रहे थे. लेकिन शायद उस व्यक्ति को शक हो गया और उसने माल की डिलीवरी लेने से पहले अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया.

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एसोसिएशन की पहल

दी बुलियन एंड ज्वेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंगल बताते हैं कि जैसे ही उनके संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने पूरे देश में अपने उद्योग से जुड़े हुए लोगों को इसके बारे में बात कर जागरूकता फैलाने की कोशिश की. लेकिन जैसे-जैसे लोगों को पता चला तो उन्होंने योगेश सिंगल को फोन करके बताया कि हमारे साथ भी ऐसा ही हुआ है.' बहुत से लोगों ने मुझे फोन किया और बताया कि हमारे साथ ऐसा हुआ है. लेकिन उनका कहना था कि एक तो अमाउंट छोटा था इसलिए हम चुप रहे और दूसरा यह कारण हो सकता है कि उनको लगता है कि यह बात बताने से यह संदेश जाएगा कि हम बेवकूफ बन गए इसलिए वह चुप रहे.'

क्रिमिनल और साइबर लॉ के जानकार सजल धमीजा बताते हैं कि 'इस मामले में साइबर क्राइम का मामला नहीं बनता क्योंकि मैसेज बैंक की तरफ से नहीं भेजा गया. इस मामले में IPC के धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा के सेक्शन लगाकर कार्रवाई होगी.'

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