- महंगाई बढ़ने के कारण बैंक एफडी पर मिलने वाला ब्याज अब बचत के लिए प्रभावी विकल्प नहीं रहा है
- 20 साल के लिए हर महीने ₹17,356 की EMI पर 20 लाख के होम लोन में कुल ₹41.65 लाख चुकाने होंगे
- म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए 20 साल में लगभग ₹1.09 करोड़ का फंड तैयार हो सकता है
SIP vs EMI vs FD: महंगाई के समय में सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है. बल्कि उसका स्मार्ट तरीके से निवेश करना अहम है. 10 से 15 साल पहले बैंक एफडी को सेविंग का एक अच्छा विकल्प माना जाता था, लेकिन जैसे-जैसे महंगाई की दर बढ़ रही है, एफडी पर मिलने वाली ब्याज बहुत पीछे छूट गई है. ऐसे में म्यूचुअल फंड एक्सपर्ट अदित अहलावत ने बताया कि अगर आप हर महीने ₹17,356 बचाते हैं और इसे 20 साल के लिए अलग-अलग विकल्पों में 8.5% सालाना रिटर्न के बेस पर डालते हैं तो नतीजे अलग होंगे.
होम लोन (EMI)
20 लाख के होम लोन पर हर महीने ₹17,356 की EMI पर 20 साल में आप टोटल ₹41.65 लाख चुकाएंगे, जिसमें ₹21.65 लाख सिर्फ ब्याज होगा. हालांकि, 20 साल बाद आप घर के मालिक तो होंगे. लेकिन इसकी वैल्यू मार्केट पर निर्भर करेगी और इसमें रखरखाव का खर्च भी जुड़ा होगा.
म्यूचुअल फंड में एसआईपी
हर महीने ₹17,356 की SIP आप म्यूचुअल फंड में 20 साल के लिए शुरू करते हैं, तो आपके पास मैच्योरिटी के समय लगभग ₹1.09 करोड़ का फंड तैयार होगा. इसमें आपने ₹41.65 लाख जमा किए और आपको ₹67.16 लाख का नेट प्रॉफिट मुनाफा हुआ. इससे कंपाउंडिंग इंटरेस्ट की ताकत पता चलती है.
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फिक्स्ड डिपॉजिट
हर महीने ₹17,356 की आरडी करने पर आपको 20 साल बाद आपको लगभग ₹1.01 करोड़ मिलेंगे. यह SIP की तुलना में लगभग 8 लाख रुपये कम है. इस निवेश में जोखिम तो कम है, लेकिन रिटर्न भी SIP के मुकाबले हल्का रहता है.
काम की बात
- एसआईपी (SIP) - उन लोगों के लिए बेहतर है जो लंबे समय में बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, हालांकि इसमें मार्केट रिस्क होता है.
- एफडी - उन लोगों के लिए अच्छी है जो पूरी सेफ्टी चाहते हैं और कम रिटर्न से संतुष्ट हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
अमीर बनने के लिए सिर्फ यह जरूरी नहीं कि आप कितना बचाते हैं, बल्कि यह ज्यादा जरूरी है कि आप उस पैसे को सही जगह और सही समय के लिए निवेश करें. एक बैलेंस पोर्टफोलियो के लिए एसआईपी, एफडी और EMI का सही तालमेल होना चाहिए.














