बैंक FD की बजाय इस सरकारी गारंटी वाली स्‍कीम में करें निवेश, मिलेगा ज्यादा मुनाफा

सीनियर सिटीजंस सेविंग्‍स स्‍कीम (Senior Citizen Savings Scheme) को रिटायरमेंट बेनिफिट स्कीम माना जाता है, जो टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) के साथ-साथ बेहतर ब्याज दरें प्रदान करती है.

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सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS)  पोस्ट ऑफिस की एक स्मॉल सेविंग्स स्कीम है.
नई दिल्ली:

रिटायरमेंट के करीब पहुंचते ही निवेश में जोखिम उठाना समझदारी नहीं होती. ऐसे में आमतौर पर निवेशकों के लिए सुरक्षित और स्थिर निवेश योजनाओं को चुनना बेहतर होता है ताकि बचत पर कोई खतरा न हो. यही कारण है कि रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करना पसंद करते हैं, हालांकि, पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme-SCSS) एक बेहतर विकल्प हो सकता है, जो बैंक FD की तुलना में निवेशकों को अधिक लाभ दे सकती है.

सरकारी गारंटी के साथ सुरक्षित निवेश

सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS)  पोस्ट ऑफिस की एक स्मॉल सेविंग्स स्कीम है, जिस पर सरकार की सॉवरेन गारंटी होती है.यह बैंक एफडी की तुलना में अधिक सुरक्षित मानी जाती है, क्योंकि जहां बैंक में जमा राशि पर केवल 5 लाख रुपये तक की गारंटी मिलती है, वहीं पोस्ट ऑफिस में जमा पूरी राशि सुरक्षित होती है. 

रिटायरमेंट के लिए बेहतर विकल्प

सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्‍कीम सरकार द्वारा समर्थित योजना है, जो सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है. इसमें भारत के निवासी वरिष्ठ नागरिक व्यक्तिगत रूप से या अपने जीवन साथी के साथ मिलकर निवेश कर सकते हैं. इस योजना में टैक्स बेनेफिट के साथ निवेशक को रेगुलर इनकम भी मिलती है, जिससे यह एक आकर्षक विकल्प बन जाती है.

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निवेश नियम और शर्तें

SCSS में न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 30 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है. यदि जमा राशि 1 लाख रुपये से कम हो, तो निवेशक इसे नकद में जमा कर सकता है, जबकि 1 लाख रुपये से अधिक राशि के लिए चेक या बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान किया जाना आवश्यक है. इस स्कीम की मैच्योरिटी अवधि 5 वर्ष है, जिसे 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है.

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ब्याज और रिटर्न का अनुमान

यदि कोई निवेशक SCSS में 30 लाख रुपये का निवेश करता है, तो उसे 8.2% की वार्षिक ब्याज दर पर तीन महीने के अंतराल में ब्याज मिलेगा. इस प्रकार, तिमाही ब्याज 60,150 रुपये होगा, जबकि सालाना ब्याज 2,40,600 रुपये तक पहुंच जाएगा. पांच साल में कुल ब्याज 12,03,000 रुपये और कुल रिटर्न 42,03,000 रुपये होगा.

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खाते खोलने के ऑप्शन और एलिजिबिलिटी

SCSS में वरिष्ठ नागरिक सिंगल अकाउंट या अपने जीवन साथी के साथ संयुक्त खाता खोल सकते हैं. यदि पति-पत्नी दोनों इस योजना के लिए योग्य हैं, तो वे अलग-अलग खाते भी खोल सकते हैं, जिनमें संयुक्त रूप से अधिकतम 60 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है.

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60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारतीय नागरिक इस योजना में निवेश कर सकते हैं. 55 से 60 वर्ष की उम्र के ऐसे लोग, जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ली हो, वे भी इसमें निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा, 50 वर्ष से अधिक उम्र के सेवानिवृत्त रक्षा कर्मचारी भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. हालांकि, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और अनिवासी भारतीय (NRI) इस योजना में निवेश नहीं कर सकते.

प्री-मैच्योर विड्रॉल और पेनल्टी

SCSS खाता पांच साल की लॉक-इन अवधि से पहले बंद करने पर पेनल्टी लगती है. यदि खाता एक साल के भीतर बंद किया जाता है, तो कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा और पहले से भुगतान किया गया ब्याज मूलधन से काट लिया जाएगा. एक से दो वर्ष के भीतर खाता बंद करने पर 1.5% राशि काटी जाएगी, जबकि दो से पांच वर्ष के भीतर बंद करने पर 1% राशि की कटौती की जाएगी.यदि खाता एक्सटेंडेड अवधि में है और एक साल बाद बंद किया जाता है, तो किसी प्रकार की पेनल्टी नहीं लगेगी.

बैंक एफडी की तुलना में अधिक ब्याज

सीनियर सिटीजंस सेविंग्‍स स्‍कीम (SCSS) उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक आदर्श निवेश विकल्प है, जो अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखते हुए नियमित आय प्राप्त करना चाहते हैं. यह योजना बैंक एफडी की तुलना में न केवल अधिक ब्याज देती है, बल्कि सरकार की गारंटी भी प्रदान करती है, जिससे यह एक भरोसेमंद विकल्प बन जाती है.

सीनियर सिटीजंस सेविंग्‍स स्‍कीम को रिटायरमेंट बेनिफिट स्कीम माना जाता है, जो टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) के साथ-साथ बेहतर ब्याज दरें प्रदान करती है. इस योजना में अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है और इसे 5 साल के बाद 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है. इस योजना में निवेश करने से न केवल सुरक्षित रिटर्न मिलता है, बल्कि सरकार की गारंटी भी रहती है, जिससे यह बैंक एफडी से अधिक सुरक्षित साबित होती है. वरिष्ठ नागरिक अपनी बचत को सुरक्षित रखते हुए नियमित आय का लाभ उठा सकते हैं.

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