Secured Loan vs Unsecured Loan : क्या होते हैं सुरक्षित और असुरक्षित ऋण, दोनों में क्या होता है फर्क

Difference Between Secured and Unsecured Loan : क्या आप जानते हैं कि लोन भी दो तरहों का होता है. सिक्योर्ड लोन या सुरक्षित ऋण और अनसिक्योर्ड लोन यानी असुरक्षित ऋण. इन दोनों के बीच कुछ अहम अंतर भी होते हैं. चलिए इस बारे में आपको इन बिंदुओं के जरिए समझाते हैं.

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Personal Loan : लोन सुरक्षित और असुरक्षित दो तरह के होते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

घर लेना हो या फिर गाड़ी खरीदनी हो तो अक्सर लोगों के पास इनके लिए एकमुश्त रुपए नहीं होते. ऐसे में बैंक से लोन लेना सरल उपाय नजर आता है. लोन लेने से एकाएक आए आर्थिक भार से भी बचा जा सकता है और जरूरत का सामान जैसे गाड़ी या घर भी आप खरीद पाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लोन भी दो तरहों का होता है. सिक्योर्ड लोन या सुरक्षित ऋण और अनसिक्योर्ड लोन यानी असुरक्षित ऋण. इन दोनों के बीच कुछ अहम अंतर भी होते हैं. चलिए इस बारे में आपको इन बिंदुओं के जरिए समझाते हैं.  

सिक्योर्ड लोन और अनसिक्योर्ड लोन के बीच अंतर
  1.  सिक्योर्ड लोन के लिए हमें बैंक को सिक्योरिटी के तौर पर अपनी संपत्ति दिखानी होती है जैसे घर, जमीन या कार आदि. दूसरी तरह अनसिक्योर्ड लोन में ऐसी किसी सिक्योरिटी की जरूरत नहीं होती.
  2. अनसिक्योर्ड लोन काफी कम अवधि के लिए दिया जाता है, वहीं सिक्योर्ड लोन मीडियम से लंबे अवधि के लिए दिया जाता है. 
  3. सिक्योर्ड लोन में Interest Rate यानी ब्याज दर अनसिक्योर्ड लोन से कम होता है. 
  4. अनसिक्योर्ड लोन में अधिक रकम नहीं मिलती यानी लोन की राशि कम होती है. वहीं सिक्योर्ड लोन आपकी सिक्योरिटी पर निर्भर होता है. जैसे, अगर आप सिक्योरिटी के तौर पर कोई संपत्ति या घर दिखा रहे हैं तो उस घर या अन्य संपत्ति की कीमत के अनुसार ही आपको लोन मिलेगा.
  5. सिक्‍योर्ड लोन में जोखिम कम होता है क्योंकि आपका कोई न कोई एसेट, जैसे घर या गाड़ी गारंटी के तौर पर बैंक के पास रखा जाता है. वहीं अनसिक्‍योर्ड लोन में जोखिम ज्यादा रहता है क्योंकि इसे बिना किसी सिक्योरिटी के पूरी तरह से ग्राहक की साख पर दिया जाता है.
  6. सिक्योर्ड लोन में आप अपनी प्रॉपर्टी, बैंक अकाउंट, गाड़ी, स्टॉक, म्युचुअल फंड, गहना और ऐसी महंगी चीजें और बीमा पॉलिसी कॉलेटरल के तौर पर दे सकते हैं. अनसिक्योर्ड लोन में कोई कॉलेटरल नहीं होता है.
  7. सिक्योर्ड लोन न चुकाने पर बैंक आपने जो कॉलेटरल रखा है, उसे जब्त कर सकता है, लेकिन अनसिक्योर्ड लोन न चुकाने पर बैंक पैसों के लिए मुकदमा ही कर सकता है.
  8. होम लोन या फिर कार लोन सिक्योर्ड लोन के उदाहरण हैं जबकि क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला लोन अनसिक्योर्ड लोन का उदाहरण है.

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ध्यान रहे....

अंतर तो साफ हो गया है, लेकिन इतना जरूर दिमाग में रखिए कि आप लोन ले सकते हैं, बस इसी वजह से आपको लोन नहीं ले लेना चाहिए. लोन की बहुत जरूरत हो तभी लेना चाहिए. वहीं, उतना ही लोन लेना चाहिए, जितना आपको पता हो कि आप चुका पाएंगे. लोन लेने से पहले अपना रीपेमेंट प्लान देख लेना चाहिए. 

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