फेक पेमेंट ऐप से सावधान! एक सेकंड में खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट, जानें बचने के तरीके

फेक पेमेंट ऐप्स (Fake Payment Apps) देखने में असली ऐप्स जैसे होते हैं . उनका कलर, डिजाइन और लेआउट लगभग एक जैसा होता है. इनमें ट्रांजेक्शन का प्रोसेस भी वैसा ही दिखता है, जिससे पहली नजर में इनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है.

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Digital Payment Fraud: आजकल दुकानदार सबसे ज्यादा फेक ऐप्स के शिकार हो रहे हैं.
नई दिल्ली:

अगर आप ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाइए. फेक पेमेंट ऐप्स दिन-ब-दिन स्मार्ट होते जा रहे हैं और असली ऐप्स की तरह दिखते हैं. ये ऐप्स न सिर्फ यूजर इंटरफेस और डिजाइन में असली ऐप्स जैसे होते हैं, बल्कि ट्रांजेक्शन के फेक नोटिफिकेशन और साउंड के साथ आपको झांसा भी दे सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें और कुछ आसान बातों को ध्यान में रखकर खुद को और अपने बिजनेस को सुरक्षित रखें.

कैसे काम करते हैं फेक पेमेंट ऐप्स?

फेक पेमेंट ऐप्स देखने में असली ऐप्स जैसे होते हैं . उनका कलर, डिजाइन और लेआउट लगभग एक जैसा होता है. इनमें ट्रांजेक्शन का प्रोसेस भी वैसा ही दिखता है, जिससे पहली नजर में इनकी पहचान करना मुश्किल हो जाता है. कुछ ऐप्स तो पेमेंट का फेक बीप या नोटिफिकेशन साउंड भी प्ले करते हैं जिससे सामने वाले को लगे कि पेमेंट हो चुका है. ऐसे ऐप्स खासतौर पर दुकानदारों को टारगेट करते हैं, जहां जल्दबाजी और भीड़ का फायदा उठाकर ठगी की जाती है.

फेक पेमेंट ऐप्स से बचने के आसान तरीके

सिर्फ स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें: पेमेंट कन्फर्म होने पर हमेशा अपने बैंक अकाउंट या असली पेमेंट ऐप की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री चेक करें.

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गलतियों को पकड़ें: फेक ऐप्स में अक्सर कुछ बारीक गलतियां होती हैं जैसे गलत ट्रांजेक्शन ID, अस्पष्ट टेक्स्ट या अलग स्टाइल का नोटिफिकेशन.

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जल्दबाजी से बचें: अगर कोई पेमेंट करने के बाद जल्दी-जल्दी सामान लेने की कोशिश करे और वेरीफिकेशन का टाइम न दे, तो सावधान हो जाएं.

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अनजान ऐप से अलर्ट रहें: अगर कोई नया या अनजाना पेमेंट ऐप इस्तेमाल कर रहा है, तो उसे क्रॉस चेक करें.
दुकानदारों के लिए जरूरी अलर्ट

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दुकानदार सबसे ज्यादा हो रहे हैं फेक ऐप्स के शिकार

आजकल दुकानदार सबसे ज्यादा इन फेक ऐप्स के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में स्टाफ को ट्रेनिंग देना और एक वेरीफिकेशन प्रोसेस बनाना जरूरी है.

स्टाफ को ट्रेन करें: अपने स्टाफ को बताएं कि उन्हें पेमेंट कन्फर्म होने के बाद ही प्रोडक्ट देना है.

वेरीफिकेशन जरूरी: फोनपे जैसे ऐप्स के स्मार्ट स्पीकर या SMS अलर्ट के आने तक रुकें. फेक ऐप ये अलर्ट ट्रिगर नहीं कर सकते.

संदिग्ध केस की रिपोर्ट करें: अगर किसी ने फेक पेमेंट किया है या ऐप फेक लग रहा है, तो तुरंत रिपोर्ट करें.

फोनपे यूजर की मदद के लिए फेक ऐप्स पर ले रहा ऐक्शन 

फोनपे लगातार ऐसे फेक ऐप्स के खिलाफ ऐक्शन ले रहा है. कंपनी ने मद्रास हाईकोर्ट से 'John Doe' ऑर्डर भी पास करवाया है ताकि सोशल मीडिया पर कोई फेक ऐप दिखे तो उसे हटाया जा सके.

अगर आप फोनपे से जुड़े किसी फेक पेमेंट या फ्रॉड के शिकार हुए हैं, तो इन नंबरों पर तुरंत संपर्क करें:

080-68727374 या 022-68727374 पर कॉल करें.
cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें.
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें.
 

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