देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने हर माह चार बार से ज्यादा एटीएम (ATM Cash withdrawl) या बैंक शाखा से नकद निकासी (ATM Transaction) पर शुल्क लगा दिया है. बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट के खाताधारकों को 1 जुलाई से चार बार से ज्यादा एटीएम या शाखा से नकद निकासी पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा. इस फैसले का बैंकिंग क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है, क्योंकि देश में करीब एक तिहाई बैंकिंग बचत खाताधारक एसबीआई के ही हैं. इन एसबीआई खाताधारकों को एक साल में चेकबुक (Cheque Book) की 10 से ज्यादी लीव के इस्तेमाल पर भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा.
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि अगर कोई एसबीआई खाताधारक उसकी बैंक शाखा, उसके एटीएम या अन्य बैंक के एटीएम से 4 बार से ज्यादा नकद निकासी करता है तो उस पर 15 रुपये और GST शुल्क देना होगा. यह शुल्क 4 बार की सीमा से ज्यादा कैश विदड्राल की हर निकासी पर देना होगा. नकद निकासी से लेकर चेक बुक जैसी सेवाओं पर ग्राहकों को 15 से 75 रुपये तक का शुल्क चुकाना होगा. यह व्यवस्था 1 जुलाई से लागू होने जा रही है. हालांकि बैंक शाखा, एटीएम या कैश डिस्पेंसिंग मशीन पर पैसे का डिजिटली आदान-प्रदान पूरी तरह मुफ्त होगा.
एसबीआई ने कहा कि खाताधारक (Basic Savings Bank Deposit) हर वित्तीय वर्ष में चेकबुक की 10 लीव यानी दस चेक पर लेनदेन मुफ्त होगा. इसके बाद 10 लीफ की एक और चेकबुक पर 40 रुपये और जीएसटी देना होगा. जबकि 25 लीफ की चेकबुक के लिए 75 रुपये और जीएसटी देना होगा.
अगर इमरजेंसी में चेकबुक की जरूरत होगी तो खाताधारक (BSBD Account Holders) 50 रुपये शुल्क के साथ जीएसटी का भुगतान प्रति 10 चेक के हिसाब से करना होगा. हालांकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए चेक बुक सेवाओं के शुल्क से बाहर रखा गया है. बीएसबीडी खातों को जीरो बैलेंस सेविंग्स अकाउंट भी कहा जाता है. केवाईसी के बाद कोई भी ऐसा खाता खोल सकता है.