31 मार्च, 2022 के पहले आपके पास टैक्स डिडक्शन में लाभ उठाने का मौका है. 31 मार्च से पहले निवेश के कुछ कदम उठाकर आप टैक्स डिडक्शन में छूट पा सकते हैं. वैसे यही बिलेटेड या रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख भी है, जिसके तहत आप अपने निवेश के जरिए टैक्सेबल अमाउंट में कटौती करा सकते हैं. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C इसके लिए जानी जाती है. सेक्शन 80C के तहत आप 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर 46,800 रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं. यानी कि अगर आपने 1.50 लाख तक का निवेश कर रखा है तो धारा 80सी के तहत क्लेम कर सकते हैं. 30 फीसदी के ब्रैकेट में आने वाला टैक्सपेयर अपने 80सी निवेश के जरिए 4 फीसदी सेस सहित 46,800 रुपये तक बचा सकता है.
लेकिन इसके लिए आपको कुछ जरूरी बातें पता होनी चाहिए, आइए जानें-
- धारा 80सी के तहत 1.50 लाख तक के निवेश या खर्च पर आप 46,800 रुपये बचा सकते हैं. इसके लिए आपको इस धारा के तहत आने वाले निवेश के माध्यमों में निवेश करना होगा.
- ये जरूरी है कि आपका निवेश 31 मार्च की तारीख के पहले का हुआ हो, तभी आपको छूट के पात्र होंगे.
- 80सी के तहत EPF (कर्मचारी भविष्य निधि), PPF (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड), ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम), NSC (नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट), NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम), SCSS (सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम), सुकन्या समृद्धि योजना और पोस्ट ऑफिस में पांच सालों वाला टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेश के माध्यमों में पैसा लगा सकते हैं, और इस निवेश पर छूट पा सकते हैं.
- एक बड़ी शर्त ये है कि आपको ये छूट तभी मिलेगी, जब आप टैक्स स्लैब की पुरानी रिजीम पर ही आईटीआर फाइल कर रहे हों. नए स्लैब सिस्टम के तहत ये छूट नहीं मिलती है.
- जब आप धारा 80सी के जरिए 1.50 लाख तक का निवेश करते हैं, तो यह रकम आपके टोटल इनकम से घट जाती है, ऐसे में आपकी टैक्सेबल इनकम भी घट जाती है, जिससे आपको कितना टैक्स भरना है, वो रकम भी कम हो जाती है, जिससे कि 30 फीसदी के ब्रैकेट वाला टैक्सपेयर 4 फीसदी सेस सहित 46,800 रुपये तक बचा सकता है.