RBI देश के बाहर रुपया खाता खोलने की देगा अनुमति, जानें किसे मिलेगा फायदा

रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई घरेलू करेंसी को वैश्विक स्तर पर मुख्य करेंसी में शामिल करने के लिए 2024-25 एजेंडा के हिस्से के रूप में भारत के बाहर रह रहे निवासी व्यक्तियों (पीआरओआई) को देश के बाहर रुपया खाता खोलने की अनुमति देगा.

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RBI ने कहा कि उसने 2024-25 के लिए रणनीतिक कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया है.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते दिन कहा कि वह देश के बाहर रुपया खाता खोलने की अनुमति देगा. यह कदम घरेलू करेंसी के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण करेंसी बनाने की रणनीतिक योजना का हिस्सा है. केंद्रीय बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उभरते वृहद आर्थिक परिवेश के साथ फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) परिचालन ढांचे के जुड़ाव पर जोर होगा. इसके साथ विभिन्न दिशानिर्देशों को युक्तिसंगत बनाने पर ध्यान दिया जाएगा.

आरबीआई ने कहा कि उसने 2024-25 के लिए रणनीतिक कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया है. साथ ही बाह्य यानी विदेशों से वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) ढांचे को उदार बनाने तथा ईसीबी और व्यापार क्रेडिट रिपोर्टिंग और अनुमोदन (स्पेक्ट्रा) परियोजना के लिए सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के चरण 1 को शुरू करने की संकल्पना रखी है.

घरेलू करेंसी को वैश्विक स्तर पर मुख्य करेंसी में शामिल करने का एजेंडा

रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई घरेलू करेंसी को वैश्विक स्तर पर मुख्य करेंसी में शामिल करने के लिए 2024-25 एजेंडा के हिस्से के रूप में भारत के बाहर रह रहे निवासी व्यक्तियों (पीआरओआई) को देश के बाहर रुपया खाता खोलने की अनुमति देगा.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ विशेष खातों (विशेष अनिवासी रुपया-एसएनआरआर) और विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) के जरिये भारतीय बैंकों के पीआरओआई को रुपये में उधार देना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और पोर्टफोलियो निवेश को सक्षम बनाना मकसद है.''

उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) को तर्कसंगत बनाना और फेमा के तहत आईएफएससी (अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) नियमों की समीक्षा भी चालू वित्त वर्ष के एजेंडा का हिस्सा है.

आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय करेंसी में द्विपक्षीय व्यापार के निपटान को सक्षम करने के लिए भारतीय रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने की दिशा में नियमों को तर्कसंगत बनाया गया है.
 

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