देश में महंगाई दर (Inflation rate) पर काबू पाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है और आरबीआई भी लगातार एक्शन में है. पिछले साल महंगाई दर कुछ तिमाही से लगातार नीचे आ रही है, लेकिन हाल में कुछ महंगाई में बढ़ोतरी देखी गई है. बावजूद इसके माना जा रहा है कि महंगाई कम होगी.
अब इस बारे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने एक चार्ट साझा किया है जिसमें बताया है कि किस प्रकार महंगाई को सरकार काबू पाया है. पीयूष गोयल के कार्यालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार 2 अप्रैल 2022 को पाम तेल 150 रुपये लिटर बिक रहा था जो अब 27 फीसदी कम दाम पर बिक रहा है. अब पाम तेल 2 अप्रैल 2023 109 रुपये प्रति लिटर पर बिक रहा है. इस समय के दौरान प्याज का दाम 28 रुपये से 21 रुपये प्रति किलो पर आ गया है. यहां पर यह कमी 25 प्रतिशत की है. वहीं, सूरजमुखी तेल की कीमतों में इस अवधि में 19 फीसदी की कमी आई है. पहले यह 183 रुपये प्रति लिटर बिक रहा था और अब यह 148 रुपये प्रति लिटर पर बिक रहा है. घर घर की रसोई में प्रयोग में लाया जाने वाला सरसों का तेल 18 प्रतिशत की दर सस्ता हुआ है. पिछले साल यह तेल 188 रुपये प्रति लिटर के दाम तक पहुंच गया था, लेकिन अब इस सरकार के प्रयासों के बाद बाजार में सस्ता बेचा जा रहा है. अब यह तेल 154 रुपये प्रति लिटर बिक रहा है. वनस्पति घी प्रति किलो 155 रुपये की जगह 130 रुपये पर बिक रहा है.
केंद्रीय मंत्री के कार्यालय द्वारा साझा की गई रेट लिस्ट के मुताबिक सोयाबिन तेल के दाम में 15 फीसदी की गिरावट आई है. पहले यह तेल प्रतिकिलो 162 रुपये पर बिक रहा था जो अब 138 रुपये पर बिक रहा है.
सब्जियों के दाम भी अब काफी कम हुए हैं. ऐसे में आलू बाजार में काफी सस्ते में बिक रहा है. पहले आलू 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा था जो अब तीन रुपये सस्ता होकर 17 रुपये प्रतिकिलो पर बिक रहा है. टमाटर के भाव भी 24 रुपये प्रति किलो से कम होकर 21 रुपये प्रति किलो पर आ गए हैं.
जहां तक दालों की कीमतों की बात है तो सबसे ज्यादा बिकने वाली दालों में चना दाल और मसूर की दालों को भाव मंत्री के कार्यालय द्वारा जारी किए गए हैं. बताया गया है कि चना दाल की कीमत में इसी समयावधि में 75 रुपये प्रति किलो से गिर कर 71 रुपये पर आ गई है. वहीं मसूर की दाल में भी गिरावट दर्ज की गई है. मसूर की दाल 96 रुपये प्रति किलो के दाम से गिरकर 92 रुपये प्रति किलो पर चल रही है.
गौरतलब है कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी 2023 में घटकर 3.85 प्रतिशत पर आ गई थी. ये गिरावट मुख्य रूप से विनिर्मित वस्तुओं, ईंधन और ऊर्जा के दामों में कमी के चलते यह गिरावट हुई थी. फरवरी 2023 लगातार नौंवा महीना रहा जब थोक मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई थी. डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2023 में 4.73 प्रतिशत और फरवरी 2022 में 13.43 प्रतिशत थी.हालांकि खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 3.81 प्रतिशत हो गई जो जनवरी में 2.38 प्रतिशत थी.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बयान में कहा था कि फरवरी 2023 में मुद्रास्फीति की दर में कमी की मुख्य वजह कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के दामों में गिरावट, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य वस्तुओं, खनिजों, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक एवं ऑप्टिकल उत्पादों, रसायन एवं रासायनिक उत्पादों, इलेक्ट्रिकल उपकरण एवं मोटर वाहन, ट्रेलर एवं सेमी ट्रेलर के दामों में कमी आना है. दालों की मुद्रास्फीति 2.59 प्रतिशत रही जबकि सब्जियां 21.53 प्रतिशत सस्ती हुईं. तिलहन की मुद्रास्फीति फरवरी, 2023 में 7.38 प्रतिशत घटी. ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई जनवरी के 15.15 प्रतिशत से कम होकर फरवरी, 2023 में 14.82 प्रतिशत रह गई. विनिर्मित उत्पादों में यह 1.94 प्रतिशत रही जबकि जनवरी में यह 2.99 प्रतिशत थी.