Home Loan Pre-Payment : महंगाई के इस दौर में हर किसी के लिए घर खरीदने का सपना पूरा करना कोई आसान काम नहीं है. घर खरीदना आमतौर पर जिंदगी का सबसे बड़ा आर्थिक फैसला होता है. आजकल देश के कई बड़े शहरों में घर खरीदना इतना महंगा हो गया है कि ज्यादातर लोगों को इसके लिए लोन लेना पड़ता है. अगर होम लोन (Home Loan) आसानी से मिल जाए, तो भी उसकी कॉस्ट यानी लागत ब्याज (Home Loan Interest Rates) के रूप में चुकानी पड़ती है. पिछले कुछ समय दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में लगातार कई बार बढ़ोतरी की है, जिससे होम लोन लेने वाले लोगों पर ब्याज का बोझ बेहिसाब बढ़ गया है. क्योंकि इसके चलते कई बैंकों ने इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिए हैं. आलम ये है कि कई लोगों को होम लोन लेने के बाद उसे चुकाने के लिए 5-6 साल तक किस्त भरना पड़ता है. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या होम लोन का प्री-पेमेंट कर देना चाहिए?
आखिर होम लोन प्री-पेमेंट क्या है?
होम लोन का प्री-पेमेंट करना चाहिए या नहीं, इसे समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि इसका मतलब क्या है और ऐसा करने के क्या तरीके हैं? होम लोन के प्री-पेमेंट का मतलब है घर खरीदने के लिए लिए गए होम लोन को वक्त से पहले चुका देना. ऐसा करने का एक तरीका ये हो सकता है कि हम पूरे लोन को एक बार में चुका दें. लेकिन आमतौर पर एक साथ इतने पैसे दे पाना संभव नहीं होता.
जानें Home Loan Prepayment कैसे किया जा सकता है
इसका मतलब ये नहीं कि आप होम लोन को वक्त से पहले नहीं चुका सकते. इसका एक उपाय ये भी है कि आप अपनी ईएमआई (EMI) यानी हर महीने दी जाने वाली किस्त की रकम को बैंक से बात करके बढ़वा लें और इस तरह लोन को वक्त से पहले चुका दें. इसके अलावा आप आप अपने मौजूदा बैंक के मुकाबले कम ब्याज पर कर्ज दे रहे बैंक में लोन ट्रांसफर करके भी होम लोन की कुल ईएमआई (Home Loan EMI) की संख्या घटा सकते हैं और पहले की तुलना में कर्ज से जल्दी छुटकारा पा सकते हैं.
समय से पहले होम लोन चुकाने का ये है बेहतर तरीका
होम लोन को वक्त से पहले चुकाने करने का एक और आसान तरीका ये है कि आपको जब भी कहीं से कोई अतिरिक्त आमदनी हो, तो उसे होम लोन के खाते में जमा करते रहें. ऐसा करने पर होम लोन की मूल बकाया रकम तेजी से घटेगी और आपकी पहले वाली ईएमआई (EMI) में ही प्रिंसिपल एमाउंट का हिस्सा बढ़ जाएगा. इस तरह आप अपने होम लोन को वक्त से पहले चुका पाएंगे. लेकिन अगर होम लोन कई साल पुराना है और इस बीच आपकी आमदनी और बचत में काफी इजाफा हो चुका है, तो हो सकता है आप एक बार में पूरी रकम चुका देने की हालत में हों.
बहरहाल, ये तो हुई होम लोन को वक्त से पहले चुकाने के तरीकों की बात. लेकिन इस बारे में कोई फैसला करने से पहले यह समझ लेना चाहिए कि होम लोन का प्री-पेमेंट करना आपके लिए कितना सही या गलत साबित हो सकता है. आपके लिए होम लोन प्री-पेमेंट के फायदे और नुकसान दोनों को अच्छी तरह समझना जरूरी है. सबसे पहले होम लोन प्री-पेमेंट के फायदे के बारे में जान लेते हैं.
लोन पर लगने वाले ब्याज के बोझ से मिलेगी राहत
लाभ यह है कि इससे आप पर ब्याज का बोझ कम हो जाता है. होम लोन की किस्तें (Home Loan EMI) भरते समय आप मूलधन के साथ ही साथ ब्याज भी भर रहे होते हैं. लोन की अवधि जितनी लंबी होती है, आपको उतना ही अधिक ब्याज देना पड़ता है. लिहाजा, जब आप अपने लोन का रीपेमेंट समय से पहले करते हैं, तो ब्याज की वो रकम कम हो जाती है, जो आपको लोन की पूरी अवधि के दौरान देनी पड़ती. यानी होम लोन का प्री-पेमेंट करके आप ब्याज दर (Home Loan Interest Rate) के आधार पर दिए जाने वाले लाखों रुपये बचा सकते हैं.
जल्द ही कर्ज से पा सकेंगे छुटकारा
अपने होम लोन का समय से पहले रीपेमेंट करने का मतलब कर्ज के बोझ से जल्दी छुटकारा पाना है. एक बार कर्ज मुक्त हो गए तो आपको हर महीने ईएमआई नहीं भरनी होगी. जाहिर सी बात है कि अब उस रकम को आप कहीं और बेहतर ढंग से निवेश कर सकते हैं या अपने किसी और जरूरी काम में उसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
आपका क्रेडिट स्कोर होगा बेहतर
होम लोन का वक्त से पहले भुगतान करने पर क्रेडिट स्कोर में (Credit score) सुधार भी होता है. आपकी लोन रीपेमेंट की क्षमता पर लेंडर का भरोसा बढ़ता है. लिहाजा, अगर भविष्य में जरूरत पड़े, तो आपके लिए लोन लेना आसान हो सकता है.
इन फायदों के अलावा होम लोन का समय से पहले रीपेमेंट करने के कुछ निगेटिव यानी नकारात्मक पहलू भी हैं, जिनके बारे में जानना भी उतना ही जरूरी है. तो चलिए इस बारे में भी फटाफट जान लेते हैं.
ये हैं होम लोन प्री-पेमेंट के नुकसान
लिक्विडिटी की कमी
अगर आप होम लोन को वक्त से पहले अदा करने के लिए अपनी सारी जमापूंजी या उसका बड़ा हिस्सा लगा देते हैं, तो इससे आपकी लिक्विडिटी यानी आसानी से उपलब्ध नकदी पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में आपको अचानक जरूरत पड़ने पर फौरन पैसे जुटाने में दिक्कत हो सकती है.
ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट
आप अपनी बचत की जिस रकम का उपयोग अपने होम लोन के प्री-पेमेंट के लिए करने की सोच रहे हैं, उसे कहीं और निवेश करने पर आपको रिटर्न मिल सकता है. जब आप ऐसा नहीं करके उसे होम लोन चुकाने में इस्तेमाल करते हैं, तो आप उस पर मिलने वाले संभावित रिटर्न को गंवाते हैं. यही वो ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट (Opportunity Cost) या लागत है, जो आपको होम लोन प्री-पेमेंट करने पर उठानी पड़ती है. अगर उस संभावित रिटर्न की दर होम लोन के इंटरेस्ट से कम है, तब तो आपको होन लोन चुकाने में फायदा है, लेकिन अगर ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट अधिक है, तो आपको इस लागत के बारे में भी सोचना चाहिए.
उदाहरण के लिए अगर आप उस पैसे को स्टॉक्स या म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो हो सकता है आप अपने होम लोन की ब्याज दर के मुकाबले अधिक रिटर्न हासिल कर लें. हालांकि, इसमें ये बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि अधिक रिटर्न देने वाले शेयर या इक्विटी म्युचुअल फंड में अक्सर रिटर्न की गारंटी नहीं होती और निवेश की गई पूंजी पर भी जोखिम रहता है.
प्री-पेमेंट करने पर लग सकता है पेनाल्टी चार्ज
होम लोन के प्री-पेमेंट पर कई लेंडर प्री-पेमेंट पेनाल्टी वसूलते हैं. ये पेनाल्टी वक्त से पहले कर्ज चुकाने पर होने वाले आर्थिक लाभ को कम कर देती है. इसलिए होम लोन प्री-पेमेंट के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले प्री-पेमेंट पेनाल्टी की लागत को भी ध्यान में रखना चाहिए.
होम लोन के प्री-पेमेंट का के लेकर सही फैसला कैसे करें?
होम लोन के प्री-पेमेंट के बारे में कोई फैसला करते समय ये भी ध्यान में रखें कि आम तौर पर होम लोन पर ब्याज की दर बाकी सभी कर्जों से कम होती है. लिहाजा, अगर आपके ऊपर कार लोन (Car Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) या क्रेडिट कार्ड का लोन (Credit Card Loan) बकाया है, तो पहले उसे चुकाएं. इनमें भी सबसे पहले उस लोन को खत्म करें जिसकी ब्याज दर सबसे ज्यादा हो. होम लोन को वक्त से पहले अदा करना सही है या नहीं, इसका फैसला ऊपर बताए तमाम फैक्टर्स पर गौर करने के बाद ही करें. ये फैसला आपकी निजी आर्थिक स्थिति के अलावा होमलोन के इंटरेस्ट रेट, आपकी आय और रोजगार की स्थिति और उम्र, पारिवारिक जिम्मेदारियों समेत कई बातों पर निर्भर करता है. अगर आपके सामने कई ऐसी आर्थिक जिम्मेदारियां हैं, जो होम लोन जल्दी चुकाने से ज्यादा जरूरी हैं, तो पहले उन्हें निपटाएं.
इसके अलावा अगर आपके पास एकमुश्त ज्यादा पैसे नहीं हैं, तो भी ब्याज का बोझ कम करने और लोन जल्दी चुकाने के लिए आप ईएमआई (EMI) बढ़वाने, कम ब्याज पर कर्ज देने वाले बैंक में लोन ट्रांसफर कराने और अतिरिक्त आमदनी को होम लोन एकाउंट में जमा कराने जैसे तरीकों पर विचार कर सकते हैं.