अगर आप फ्लाइट से सफर करते हैं और अपने साथ पावर बैंक ले जाते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है. अब विमान में पावर बैंक के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) इसको लेकर नए और सख्त नियम लागू करने पर विचार कर रहा है.
DGCA के सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में फ्लाइट में पावर बैंक में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं के बाद फ्लाइट में पावर बैंक के इस्तेमाल और ले जाने के नियमों को लेकर समीक्षा शुरू कर दी गई है.
बढ़ती घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
बीते रविवार, 19 अक्टूबर को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इंडिगो (IndiGo) की डिमापुर जाने वाली फ्लाइट में एक पैसेंजर के पावर बैंक में आग लग गई. यह हादसा उस समय हुआ जब विमान टैक्सी कर रहा था. हालांकि किसी को नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इसके बाद फ्लाइट में पावर बैंक ले जाने पर रोक लगाने की मांग तेज हो गई.
इस मामले का संज्ञान नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और DGCA ने लिया है. दोनों एजेंसियां अब इस पर गहराई से विचार कर रही हैं कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए क्या नए नियम बनाए जा सकते हैं.
विदेशों में पहले से हैं कड़े नियम
कई विदेशी एयरलाइंस पहले ही पावर बैंक को लेकर सख्त नियम लागू कर चुकी हैं. उदाहरण के लिए, एमिरेट्स (Emirates) ने 1 अक्टूबर से फ्लाइट में पावर बैंक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. यात्री केवल 100 वॉट-घंटे (Watt Hours) तक का पावर बैंक साथ ले जा सकते हैं, लेकिन उसे फ्लाइट में चार्ज नहीं कर सकते और न ही उससे मोबाइल या कोई और डिवाइस चार्ज कर सकते हैं.
सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) ने भी अप्रैल से ऐसा ही नियम लागू किया है. अब उनके विमानों में पावर बैंक चार्ज करना या उससे किसी डिवाइस को पावर देना पूरी तरह से मना है.
सुरक्षा के लिहाज से जरूरी कदम
कई एयरलाइंस यात्रियों को पावर बैंक ऊपर वाले रैक में रखने की इजाजत नहीं देतीं. उन्हें इसे या तो सीट के नीचे या सामने की जेब में रखना होता है. इसके अलावा, हर पावर बैंक पर उसकी क्षमता (पावर लिमिट) साफ लिखी होनी चाहिए.
DGCA जल्द ही एयरलाइंस और टेक्निकल एक्सपर्ट से सलाह लेकर नई गाइडलाइन जारी कर सकता है. इसमें यह तय किया जा सकता है कि कितनी क्षमता वाला पावर बैंक फ्लाइट में ले जाना सुरक्षित होगा, और यात्रियों को किन सावधानियों का पालन करना होगा.
अगर यह नियम लागू होते हैं, तो भारत में भी यात्रियों को एमिरेट्स और सिंगापुर एयरलाइंस जैसी सख्त गाइडलाइनों का पालन करना पड़ सकता है.