हर शख्स के लिए नियमित आय (Regular Income) बेहद ज़रूरी होती है, और आज के भागमभाग के युग में जितनी कमाई हो, उतनी कम लगती है. हर शख्स कहीं न कहीं कुछ न कुछ निवेश कर अपनी कमाई बढ़ाने की कोशिश ज़रूर करता है, भले ही वह प्रॉविडेंट फ़ंड (PF) हो, PPF हो, LIC पॉलिसी हो, एफ़डी (FD) हो, शेयर बाज़ार (Stock Markets) हो या म्यूचुअल फ़ंड (Mutual Fund) हो. इसी तरह की एक सरकारी गारंटी वाली स्कीम MIS के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसके ज़रिये आप हर महीने 'पेंशन' सरीखी कमाई हासिल कर सकते हैं.
भारतीय डाक विभाग द्वारा कई छोटी बचत योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें से एक है डाकघर मासिक आय योजना, यानी पोस्ट ऑफ़िस मन्थली इनकम स्कीम, या POMIS, या MIS. इस योजना में एकमुश्त रकम जमा करवाने के बाद पांच साल तक लगातार हर महीने निश्चित रकम आपको मिलती रहती है. और हां, पांच साल की मैच्योरिटी के बाद आपका मूलधन भी आपको ज्यों का त्यों वापस मिल जाएगा.
MIS में कितना मिलता है ब्याज...?
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा मान्य तथा अधिकृत MIS में निवेशक ब्याज का भुगतान योजना के नाम के अनुरूप हर महीने किया जाता है. इस समय इस स्कीम में निवेशित रकम पर सरकार 7.4 फ़ीसदी की दर ब्याज अदा कर रही है, जिसे हर माह कम्पाउंड किया जाता है. अंतर बस यही है कि इस योजना में ब्याज आपके मूलधन में नहीं जुड़ता, बल्कि आपको हर महीने उसका नकद भुगतान कर दिया जाता है.
POMIS से जुड़ी विशेष बातें...
- लॉक-इन पीरियड : डाकघर में खोले जाने वाले POMIS खाते में निवेश की गई रकम को 5 साल के लिए लॉक-इन में रखा जाता है.
- निवेश तथा अधिकतम सीमा : POMIS खाते में एकल खाता (Single Account) खोलने पर अधिकतम ₹9,00,000 का निवेश किया जा सकता है. यदि संयुक्त खाता (Joint Account) खोला जाए, तो निवेश की अधिकतम सीमा ₹15,00,000 हो जाती है. संयुक्त खाता दो या अधिकतम तीन व्यक्ति खोल सकते हैं, जिनमें से प्रत्येक का खाते पर समान अधिकार होगा. POMIS खाते में न्यूनतम जमा ₹1000 होता है, तथा इसके अलावा, इस खाते में ₹1000 के गुणक में जमा करवाई जा सकती है.
- ट्रांसफ़रेबल अकाउंट : यदि आप देश में कहीं भी ट्रांसफ़र पर जा रहे हैं, तो नए शहर में अपना POMIS खाता ट्रांसफ़र कर सकते हैं.
- नाबालिग खाता : कोई भी भारतीय अपने बच्चे के नाम पर POMIS खाता खोल सकता है. 10 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिग के लिए माता-पिता या अभिभावक द्वारा खोले गए खाते में से रकम निकालने का अधिकार बच्चे को तब मिलता है, जब वह 18 वर्ष का हो जाता है.
- कौन खोल सकता है POMIS : भारत में रहने वाला प्रत्येक भारतीय नागरिक POMIS खाता खोलने का अधिकारी है, हालांकि प्रवासी भारतीयों, यानी NRI को POMIS खाता खोलने की अनुमति नहीं है.
- समयपूर्व मैच्योरिटी : यदि खाताधारक मैच्योरिटी अवधि खत्म होने से पहले निवेशित राशि निकालना चाहता है, तो उसे कुछ जुर्माना अदा करना होगा. अकाउंट खोले जाने के एक वर्ष तक खाता बंद नहीं किया जा सकता. एक वर्ष के बाद तथा तीन वर्ष से पहले खाता बंद करने पर मूलधन (निवेशित रकम) में से 2 फ़ीसदी की कटौती कर शेष मूलधन लौटा दिया जाएगा. तीन वर्ष के उपरांत तथा पांच वर्ष से पहले खाता बंद किए जाने की स्थिति में मूलधन (निवेशित रकम) में से 1 फ़ीसदी की कटौती कर शेष मूलधन लौटा दिया जाएगा. समय से पहले खाता बंद करने के लिए संबद्ध पोस्ट ऑफ़िस में जाकर निर्धारित फ़ॉर्म भरकर पासबुक से साथ देना होगा.
- टैक्स में बचत नहीं : ब्याज के तौर पर मिलने वाली राशि पर TDS कटौती नहीं की जाती है, लेकिन ब्याज की रकम टैक्सेबल होती है. इस खाते में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स में कोई छूट भी नहीं मिलती है.
कितना निवेश करने पर हर माह मिलेगा कितना ब्याज...?
अगर आप POMIS खाते में ₹1,00,000 जमा करवाते हैं, तो अगले ही महीने से आपको हर माह ₹617 रुपये का ब्याज मिलने लगेगा, जो आपके बचत खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इसी तरह ₹9,00,000 जमा करवाने पर हर माह मिलने वाला ब्याज ₹5,550 होगा और ₹15,00,000 से खाता खोलने वाले निवेशकों को हर महीने ₹9,250 ब्याज मिलेगा. निवेश और उस पर मिलने वाले मासिक ब्याज की रकम के लिए आप ऊपर दिया गया चार्ट देख सकते हैं.