अगर आप अपने बच्चों के फ्यूचर को लेकर कोई निवेश प्लान (Child Investment Plans 2025) तलाश रहे हैं, तो आपके पास दो मजबूत सरकारी स्कीम हैं... एनपीएस वात्सल्य और सुकन्या समृद्धि योजना. एक स्कीम लंबी अवधि के रिटायरमेंट फंड (Retirement Fund) पर फोकस करती है, जबकि दूसरी एक सेफ सेविंग ऑप्शन (Saving Tips) है. दोनों के फायदे अलग-अलग हैं, लेकिन कौन-सी स्कीम आपके लिए बेहतर है? आइए जानते हैं ...
क्या है एनपीएस वात्सल्य योजना?
2024–25 के बजट में लॉन्च हुई एनपीएस वात्सल्य (NPS Vatsalya)एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जो खासतौर पर बच्चों के नाम पर खोली जाती है. इसे PFRDA ऑपरेट करता है और इसमें 18 साल से कम उम्र के बच्चे के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है. हर साल कम से कम 1000 रुपए जमा करना जरूरी है, जबकि मैक्सिमम लिमिट नहीं है.
इस स्कीम में लॉन्ग टर्म में करीब 9.5% से 10% तक रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है.3 साल पूरे होने के बाद एजुकेशन या इमरजेंसी के लिए 25% तक पैसा निकाला जा सकता है. टैक्स छूट के लिए इसमें 80C के अलावा 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपए तक की एक्स्ट्रा डिडक्शन मिलती है.
सुकन्या समृद्धि योजना क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) सिर्फ बेटियों के लिए है. इसमें 10 साल तक की उम्र की लड़की के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है. 15 साल तक इनवेस्टमेंट की जाती है और स्कीम 21 साल तक एक्टिव रहती है. अभी इसमें 8.2% का फिक्स्ड ब्याज मिल रहा है, जिसे केंद्र सरकार हर क्वार्टर में तय करती है. हर साल इसमें 250 से लेकर 1.5 लाख रुपए तक का इनवेस्टमेंट किया जा सकता है.
ये स्कीम पूरी तरह टैक्स फ्री है – इनवेस्टमेंट, इंटरेस्ट और मैच्योरिटी अमाउंट तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता. लड़की के 18 साल की उम्र या 10वीं क्लास के बाद 50% तक पैसा निकाला जा सकता है, और पूरा पैसा 21 साल बाद या शादी (18 साल की उम्र के बाद) पर मिल जाता है.
कौन-सी स्कीम किसके लिए सही है?
अगर आपका मकसद बेटी की पढ़ाई या शादी के लिए एक सेफ और फिक्स फंड बनाना है यानी आपको सिर्फ बेटी के लिए एक सेफ और टैक्स फ्री सेविंग चाहिए, तो सुकन्या समृद्धि योजना एक भरोसेमंद विकल्प है. लेकिन अगर आप बच्चे के नाम पर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करके रिटायरमेंट या भविष्य का बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, तो एनपीएस वात्सल्य ज्यादा फ्लेक्सिबल और बेहतर रिटर्न देने वाला ऑप्शन हो सकता है.
ये दोनों स्कीमें अलग-अलग जरूरतों के लिए बनी हैं. आप सही फैसला लेने के लिए अपने इन्वेस्टमेंट गोल, समय और टैक्स प्लानिंग को ध्यान में रखना बेहतर रहेगा. चाहें तो दोनों का बैलेंस बनाकर भी आगे बढ़ा जा सकता है.
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सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर म्यूचुअल फंड SIP तक, यहां निवेश कर अपने बच्चों का भविष्य करें सुरक्षित