अगर आप भी फास्टैग को गाड़ी की विंडस्क्रीन पर न लगाकर उसे हाथ में लेकर स्कैन करवाते हैं, तो अब सतर्क हो जाइए. NHAI यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने साफ कर दिया है कि अब ऐसे "Loose FASTag" को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा. यानी अगर टैग गाड़ी पर चिपका नहीं है, तो आपका फास्टैग किसी भी समय बंद हो सकता है और फिर टोल प्लाजा पर परेशानी तय है.
क्या होता है Loose FASTag?
Loose FASTag का मतलब होता है ऐसा एक्टिव फास्टैग जो गाड़ी की विंडस्क्रीन पर चिपकाया नहीं गया है, बल्कि हाथ में लेकर या डैशबोर्ड पर रखकर इस्तेमाल किया जा रहा है. कुछ लोग जानबूझकर ऐसा करते हैं ताकि एक टैग को कई गाड़ियों में इस्तेमाल किया जा सके. ये तरीका टोल सिस्टम को धोखा देने जैसा है और NHAI के मुताबिक अब ये सहन नहीं किया जाएगा.
NHAI ने क्यों लिया ये सख्त फैसला?
NHAI ने 11 जुलाई 2025 को एक प्रेस रिलीज में बताया था कि Loose FASTag की वजह से टोल प्लाजा पर कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं. जैसे-
- लेन में जाम लग जाता है
- स्कैनिंग में देरी होती है..
- गलत चार्जबैक और शिकायतें आती हैं.
- कई लोग कार के फास्टैग से ट्रक निकालने की कोशिश करते हैं.
- टोल सिस्टम में गड़बड़ी और बाकी यात्रियों को परेशानी होती है.
NHAI का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन को बेहतर और पारदर्शी बनाने के लिए अब इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
FASTag ब्लैकलिस्टिंग की प्रक्रिया क्या होगी?
प्राधिकरण ने टोल कलेक्शन एजेंसियों और ट्रैवल ऑपरेटर्स को निर्देश दिया है कि अगर उन्हें कोई Loose FASTag दिखे, तो तुरंत NHAI को रिपोर्ट करें. इसके लिए एक डेडिकेटेड ईमेल आईडी भी दी गई है.रिपोर्ट मिलने के बाद NHAI तुरंत उस फास्टैग को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर देगा. यानी वह टैग अब दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकेगा.
वाहन मालिकों की बढ़ेंगी परेशानी
अगर आपका FASTag ब्लैकलिस्ट हो गया, तो सबसे पहले आपको टोल प्लाजा पर दोबारा कैश भुगतान करना पड़ेगा. दूसरा, नए टैग के लिए फिर से आवेदन करना पड़ेगा और इससे समय और पैसा दोनों खराब होगा. इसके अलावा अगर आप बार-बार Loose FASTag का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके खिलाफ आगे चलकर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है.
आम FASTag यूजर क्या करें?
- अगर आपने अभी तक अपना फास्टैग गाड़ी पर नहीं चिपकाया है, तो आज ही ये काम कर लें.
- इसे सही जगह पर विंडस्क्रीन के अंदर चिपकाएं
- दूसरे वाहन में इस्तेमाल न करें
- किसी लोकल वेंडर से खरीदने के बजाय अधिकृत पोर्टल या बैंक से लें
इस नियम का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि पूरे देश में सफर को तेज, आसान और पारदर्शी बनाना है. अगर आप नियमों का पालन करते हैं, तो आपकी यात्रा भी बिना रुकावट और तनाव के पूरी होगी.